मिथिलांचल में जबतक कांग्रेस मजबूत नहीं होगी तब तक पूरे बिहार में पार्टी मजबूत नहीं होगी :हाशमी

दरभंगा : वरीय अधिवक्ता सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अंबर इमाम हाशमी उर्फ छोटे साहब ने कहा है कि मिथिलांचल में जबतक कांग्रेस मजबूत नहीं होगी तब तक पूरे बिहार में पार्टी मजबूत नहीं होगी।
श्री हाशमी ने कहा कि दरभंगा और मधुबनी की जो वर्तमान स्थिति है उसमें कांग्रेस की उम्मीदवारी निश्चित रूप से होनी चाहिए। महागठबंधन से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार इन दोनों क्षेत्रों से लगातार चुनाव हार रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन क्षेत्र के एक सीट पर मुस्लिम और दूसरे सीट पर पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार को कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतारना चाहिए। मैं कांग्रेस का सिपाही हूं, 1989 से सक्रिय सदस्य हूं, जिला कमेटी में रहने के साथ विधायक का चुनाव लड़ चुका हूं। जब कांग्रेस की स्थिति दयनीय थी उस समय भी अच्छा मत मिला था। अब तो हालात कभी बदल गए हैं। मिथिलांचल में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को वापस करने की मुहिम तेज कर दी है। इसे लेकर लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठके शुरू है। कांग्रेसी नेता का कहना है कि जब तक मिथिलांचल में कांग्रेस की वजूद मजबूत नहीं होगी तब तक पूरे बिहार में पार्टी मजबूत नहीं होगी।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्री हाशमी ने कहा कि लंबे दिनों से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवारी नहीं होने से कार्यकर्ताओं में मायूसी है। साथ ही आम जनता में कांग्रेस के प्रति विश्वास कम होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक हुए 18 चुनाव में कांग्रेस की सात पर दरभंगा से जीत हुई है। 1952 से लेकर 1980 तक के चुनाव में मात्र एक बार 1977 में कामयाबी नहीं मिली थी। जबकि, 1984, 1989 और 1991 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार यहां के उप विजेता रहे हैं, जिन्हें क्रमश: 34.5, 42.4 और 28.3 प्रतिशत वोट शेयर रहा। 1996 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी को 10.7 प्रतिशत वोटर शेयर प्राप्त हुआ, जो तीसरे स्थान पर रहे। 1998 के चुनाव कांग्रेस के लिए काफी खराब रहा। कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 0.7 प्रतिशत ही मत प्राप्त हुआ है। 1999 और 2004 के चुनाव में एलायंस पार्टी को टिकट मिलने कारण कांग्रेस को भाग्य आजमाने का मौका नहीं मिला। हालांकि, 2009 के चुनाव में गठबंधन के बाहर आते ही कांग्रेस ने दम-खम से चुनाव ही नहीं लड़ा बल्कि, 7.5 प्रतिशत अर्थात 40 हजार 724 मत भी प्राप्त किया जो पार्टी को तीसरे स्थान पर लाने का काम किया। आगे के चुनाव में कार्यकर्ता और मेहनत करते उससे पहले गठबंधन के उम्मीदवार तय हो गए। इससे 2014 से लेकर अब तक के चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं बन पाया हैं। कार्यकर्ताओं में मायूसी छाने के पीछे यही सबसे बड़ा कारण है।इसे देखते हुए 2024 के चुनाव में मिथिलांचल से मुस्लिम और अति पिछड़ा वर्ग से उम्मीदवार उतारने की आवश्यकता है।

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