जिला दंडाधिकारी के न्यायालय से निर्गत आदेश के बावजूद निजी स्कूल खुले रहे
सुपौल -ठंड को लेकर जिला दंडाधिकारी का आदेश छातापुर के निजी स्कूलों के लिए हासिए पर है। हैरत तब होती है जब शैक्षणिक बंदी की अवधि में प्रखंड कार्यालय के आगे संचालित विद्यालय में बच्चे स्कूल आने के लिए मजबूर किए जाते रहे और किसी ने टोका तक नहीं।

जिला दंडाधिकारी के न्यायालय से निर्गत आदेश के बावजूद बंदी की अवधि में निजी स्कूल रहे खुले, किसी ने टोका तक नहीं
सुपौल -ठंड को लेकर जिला दंडाधिकारी का आदेश छातापुर के निजी स्कूलों के लिए हासिए पर है। हैरत तब होती है जब शैक्षणिक बंदी की अवधि में प्रखंड कार्यालय के आगे संचालित विद्यालय में बच्चे स्कूल आने के लिए मजबूर किए जाते रहे और किसी ने टोका तक नहीं। आदेश का जिक्र करें तो ठंड के कारण कम तापमान की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी ने दिनांक 08/01/2025 को ही कार्यालय ज्ञापांक 7-2 न्यायालय सुपौल से आदेश पत्र जारी करते हुए 09/01/2025 से 11/01/2025 तक के लिए जिले के सभी आंगनबाड़ी व प्री से लेकर वर्ग 08 तक के निजी एवं सरकारी विद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगाई थी।
जारी आदेश में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 का भी जिक्र है। बावजूद 10/01/2025 को प्रखंड कार्यालय के आगे संचालित विद्यालय का समय से संचालन हुआ और बच्चों की उपस्थिति के बीच सामान्य दिनों की भांति वर्ग कक्ष संचालित हुए। उक्त स्कूल के वैन में भर भरकर बच्चे लाए गए मगर किसी ने टोका तक नहीं। संदर्भ में पूछने पर निजी स्कूल संचालक सह लक्ष्मीपुर खूंटी पैक्स अध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि आगामी दिनों में विवेकानंद जयंती की तैयारी को लेकर स्कूली छात्रों को बुलाया गया था। यह पूछने पर कि छात्र यूनिफॉर्म से लैस बैग के साथ देखे गए तो बताया कि उन्हीं में से कुछ छात्र बैग लेकर आ गए थे। इस बाबत पूछने पर बीईओ प्रभा कुमारी ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी।