उत्तर प्रदेश: त्रिवेणी संगम पर सीएम योगी की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार, 22 जनवरी को एक ऐतिहासिक परंपरा का निर्वहन करने जा रहे हैं। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर मुख्यमंत्री अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ कैबिनेट बैठक करेंगे और उसके बाद सभी मंत्री संगम की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाएंगे।

उत्तर प्रदेश: त्रिवेणी संगम पर सीएम योगी की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक, मंत्रिमंडल के साथ लगाएंगे आस्था की डुबकी
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार, 22 जनवरी को एक ऐतिहासिक परंपरा का निर्वहन करने जा रहे हैं। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर मुख्यमंत्री अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ कैबिनेट बैठक करेंगे और उसके बाद सभी मंत्री संगम की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि राज्य के सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
त्रिवेणी संगम पर कैबिनेट बैठक: एक अनूठी पहल
योगी सरकार की इस विशेष कैबिनेट बैठक का आयोजन प्रयागराज के अरैल क्षेत्र में त्रिवेणी संकुल में किया जा रहा है। दोपहर 12 बजे शुरू होने वाली इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के सभी 54 मंत्री शामिल होंगे।
बैठक में प्रदेश के विकास और जनकल्याण से जुड़ी कई योजनाओं पर चर्चा की जाएगी और कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी। यह पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने संगम को ऐसी ऐतिहासिक बैठक का गवाह बनाया है। 2019 के कुंभ मेले में भी मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के साथ संगम में डुबकी लगाई थी।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर होगी विशेष चर्चा
सूत्रों के अनुसार, बैठक का मुख्य फोकस महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर रहेगा। राज्य सरकार कुंभ को न केवल भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बल्कि वैश्विक आकर्षण के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बड़े निर्णय लिए जाने की संभावना है।
श्रद्धालुओं की सुविधा का रखा गया ध्यान : प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करने आते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित किया गया है कि कैबिनेट बैठक के कारण आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यही वजह है कि यह बैठक मेला प्राधिकरण सभागार की बजाय अरैल के त्रिवेणी संकुल में आयोजित की जा रही है।
वीआईपी मूवमेंट के बावजूद श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। बैठक के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रीगण मोटर बोट के माध्यम से संगम तट पर जाएंगे।
पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम स्नान
बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और अन्य सभी मंत्री त्रिवेणी संगम में विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद सभी मंत्री संगम की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाएंगे।
इसमें कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल नंदी और अनिल राजभर सहित सभी मंत्री शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक गहराई देने का प्रयास होगा।
कैबिनेट बैठक: प्रदेश को मिलेंगी नई सौगातें
इस ऐतिहासिक बैठक में राज्य के विकास और जनकल्याण से जुड़ी कई योजनाओं को मंजूरी मिलने की संभावना है।
• महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए रोजगार और सुरक्षा से जुड़ी नई योजनाएं लाई जाएंगी।
• किसानों के लिए राहत: सिंचाई, कृषि ऋण और सब्सिडी पर चर्चा होगी।
• युवाओं के लिए अवसर: नई शिक्षा नीति के तहत रोजगारपरक पाठ्यक्रम और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की योजनाएं शामिल होंगी।
• सड़क और परिवहन: नई सड़कों, फ्लाईओवर और जल परिवहन परियोजनाओं पर चर्चा होगी।
• पर्यावरण संरक्षण: कुंभ और अन्य बड़े आयोजनों में पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
2019 की परंपरा को फिर से करेंगे जीवंत : 2019 में कुंभ के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के साथ संगम में स्नान किया था। उस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि सहित कई साधु-संत इस आयोजन का हिस्सा बने थे। इस बार भी ऐसी ही आध्यात्मिक भव्यता की उम्मीद की जा रही है।
महाकुंभ में राजनीति और संस्कृति का अनूठा संगम : त्रिवेणी संगम पर कैबिनेट बैठक और संगम स्नान योगी सरकार के लिए एक ऐसा अवसर है, जो न केवल प्रदेश की जनता में विश्वास और आस्था का संदेश देगा, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी एक अद्वितीय आयोजन के रूप में प्रस्तुत करेगा।त्रिवेणी संगम की इस ऐतिहासिक घटना को आने वाले वर्षों तक याद किया जाएगा।