किसानों से धान अधिप्राप्ति के 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा फेल

सुपौल -जिले के छातापुर प्रखंड के पैक्सों में किसानों से धान अधिप्राप्ति के 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा हासिए पर है। अव्वल तो किसानों को अब तब के नाम पर बरगला कर कई-कई दिनों तक टरकाया जाता है

किसान से धान‌ अधिप्राप्ति के एक माह बाद हुआ ऑनलाइन, 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा फेल

सुपौल -जिले के छातापुर प्रखंड के पैक्सों में किसानों से धान अधिप्राप्ति के 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा हासिए पर है। अव्वल तो किसानों को अब तब के नाम पर बरगला कर कई-कई दिनों तक टरकाया जाता है और फिर भी किसी किसी से बात नहीं बनी और मामला प्रकाश में आने लगा तो विभागीय जोर पर येन केन प्रकारेण मामले को सलटाने का तरीका अपनाया जाता है। ताज़ा प्रकरण उधमपुर पैक्स से निकलकर सामने आ रहा है जहां एक माह पूर्व पैक्स को दिए धान की राशि का भुगतान लंबित रहने पर पीड़ित किसान गुहार लगाने स्थानीय थाने तक पहुंच गया।

स्थानीय किसान बच्चा दास द्वारा थाना को दिए आवेदन में मुखिया, सरपंच सहित पैक्स प्रबंधन के 11 सदस्यों में से आठ के हस्ताक्षर हैं जिन्होंने आवेदक किसान के आरोप को सत्य करार दिया है। आवेदन के साथ धर्मकांटा की पर्ची भी संलग्न की गई है। एक माह तक भुगतान की प्रतीक्षा करने के उपरांत 16 जनवरी को थाना को दिए आवेदन में पीड़ित किसान श्री दास ने बताया है कि उन्होंने बीते 16 दिसंबर 2024 को ही पैक्स प्रबंधक शिव कुमार भगत एवं पैक्स अध्यक्ष महेश कुमार यादव को 80 क्विंटल 20 किलो धान दिया था। उस समय अधिप्राप्ति का सरकारी दर 2325 रुपए प्रति क्विंटल बताया गया।

लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया:

biharnews-किसानों से धान अधिप्राप्ति के 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा फेल

कहा है कि उनके धान की कीमत एक लाख 86 हजार 465 रुपए हुआ जिसका भुगतान एक माह बीतने के बाद भी नहीं किया गया है। बताया है कि 16 दिसंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर गाड़ी संख्या बीआर 50जी/4937 से धान की अधिप्राप्ति उन्होंने करवाई जिसका भंडारण पंचायत के बाढ़ आश्रय स्थली में किया गया। इसके बाद पैक्स प्रबंधक द्वारा उक्त किसान को एक दिन बाद धर्मकांटा की पर्ची भी थमा दी गई, लेकिन लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी भुगतान के लिए न तो ऑनलाइन किया गया और ना ही उनके खाते में राशि आई। इतना ही नहीं किसान को प्राप्ति रशीद तक नहीं दी गई।

पीड़ित ने थानाध्यक्ष से उचित कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई:

दिए आवेदन में पीड़ित किसान ने पैक्स अध्यक्ष पर रंगदारी के तहत रुपए गबन करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे कहते हैं कि जब मन होगा तब रुपए दूंगा। पीड़ित ने थानाध्यक्ष से उचित कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है। वहीं मामले का रोचक पहलू यह है कि जब मामला थाने तक पहुंच गया तो सहकारिता विभाग की निद्रा भंग हुई और बीते शुक्रवार को अधिप्राप्ति के एक माह बाद बीसीओ मामले को रफा-दफा करने पंचायत पहुंच गए। गत 17 जनवरी को पक्ष द्वय के समक्ष मामले की जानकारी ली गई और पीड़ित किसान की अधिप्राप्ति को ऑनलाइन कराया गया। इसके बाद सादे कागज पर पीड़ित किसान से एक आवेदन लिखवाकर लिया गया, जिससे संदर्भ में लगाए गए आरोप की पुष्टि हो रही है।

biharnews-किसानों से धान अधिप्राप्ति के 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा फेल

 

17 जनवरी 2025 को दिए आवेदन में किसान ने पुनः लिखा है कि उनके द्वारा थाना को आवेदन देने के बाद 17 तारीख को ही दिन के दो बजे पैक्स द्वारा ऑनलाइन कर धान अधिप्राप्ति रशीद उपलब्ध करा दी गई है इसलिए वे अपना आवेदन वापस ले रहे हैं। इतना ही नहीं दिए आवेदन में यह भी वर्णित किया गया है कि उनकी समस्या का निदान प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा किया गया है। उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी को पीड़ित किसान द्वारा फिर से दिया गया आवेदन इस तथ्य की पुष्टि करता है कि 48 घंटे के भीतर भुगतान का विभागीय दावा फेल है। इतना ही नहीं महद्दीपुर के किसान पप्पू यादव के भुगतान का मामला हो या फिर कई अन्य किसानों का भुगतान हासिए पर बताया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button