सातवें चरण की चार सीट पर परिवार की राजनीतिक विरासत आगे ले जाने के लिये उतरेंगे प्रत्याशी
पटना,: बिहार में लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के प्रत्याशी चार सीट पाटलिपुत्र, पटना साहिब, बक्सर और सासाराम (सु) पर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी संग्राम में उतरेंगे।
बिहार लोकसभा चुनाव में सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान 01 जून को आठ सीट पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा, आरा, जहानाबाद, बक्सर, काराकाट और सासाराम (सु) में होना है। इनमें से चार सीट पाटलिपुत्र, पटना साहिब, बक्सर और सासाराम (सु) पर इंडिया गठबंधन और राजग के प्रत्याशी अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी संग्राम में उतरेंगे।
पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी राज्यसभा सांसद मीसा भारती अपने पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी समर में उतरी है, जहां उनका मुकाबला राजग में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम कृपाल यादव से होगा। भाजपा के श्री यादव इस सीट पर चुनावी हैट्रिक लगाने के लिये पुरजोर कोशिश मे लगे हैं, वहीं राजद की मीसा भारती ने पहली बार लोकसभा पहुंचने के लिये कड़ी मेहनत की हैं।पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर परिसीमन के बाद अबतक तीन बार चुनाव हुये और तीनों बार राजग ने जीत हासिल की है। वर्ष 2009 में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के रंजन प्रसाद यादव ने राजद के लालू प्रसाद यादव को मात दी थी। इसके बाद दो चुनाव वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में भाजपा के राम कृपाल यादव ने राजद की मीसा भारती को शिकस्त दी।बिहार की हाईप्रोफाइल सीट में शामिल पटना साहिब संसदीय सीट से इंडिया गठबंधन के घटक कांग्रेस के टिकट पर अंशुल अभिजीत भी अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रहे हैं।श्री अभिजीत को राजनीति विरासत में मिली है। वह पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाती और पूर्व सांसद एवं लोकसभा की प्रथम महिला अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र हैं। श्री अभिजीत की दादी सुमित्रा देवी छह बार विधायक रही हैं। वर्ष 1963 में वह बिहार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री भी बनीं। कांग्रेस प्रत्याशी श्री अभिजीत का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से होगा। भाजपा के श्री प्रसाद दूसरी बार यहां जीत का परचम लहराने के लिये ललायित हैं, कांग्रेस उम्मीदवार पहली बार जीत का सेहरा बांधने को बेताब हैं।बक्सर संसदीय सीट से पूर्व सांसद जगदानंद सिंह के पुत्र रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह राजद के टिकट पर चुनावी दंगल में उतरे हैं। वहीं भाजपा ने बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। राजग और राजद के प्रत्याशी दोनों पहली बार सियासी रणभूमि में एक-दूसरे से दो-दो हाथ करते नजर आयेंगे। इन सबके बीच भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी आनंद मिश्रा, पूर्व विधायक ददन यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अनिल कुमार के चुनावी जंग में उतरने से बक्सर की चुनावी जंग बहुकोणीय हो गयी है।बक्सर संसदीय सीट पर भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री और लगातार दो बार से इस सीट के सांसद और केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बेटिकट कर दिया है।
सासराम (सु) सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुनि लाल के पुत्र अगियांव विधानसभा के पूर्व विधायक शिवेश राम भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव के चुनावी अखाड़े में पहली बार ताल ठोक रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी शिवेश राम भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये प्रयासरत हैं।वहीं कांग्रेस ने यहां मनोज कुमार को उम्मीदवार बनाया है।इससे पूर्व मनोज कुमार ने वर्ष 2019 में सासाराम (सु) सीट से ही बसपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें शिकस्त मिली थी। इस बार के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी दोनों पहली बार चुनावी अखाड़ा में एक-दूसरे से लोहा लेते नजर आयेंगे।