Bihar News : फर्जी अटेंडेंस दिखाकर 10 गुनी अधिक मजदूरों का किया जा रहा एनएमएमएस, बिचौलिए निपटा रहे मनरेगा की योजनाएं
सुपौल -जिले के छातापुर प्रखंड स्थित लक्ष्मीनिया पंचायत में मनरेगा की योजनाएं बिचौलियों के लिए कामधेनु बनी है। पंचायत में मनरेगा से क्रियान्वित दो योजनाएं फिलहाल चर्चा में है जहां दर्जन भर मजदूरों से काम लेकर 10 गुनी अधिक मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान लिया जा रहा है।

फर्जी अटेंडेंस दिखाकर 10 गुनी अधिक मजदूरों का किया जा रहा एनएमएमएस, बिचौलिए निपटा रहे मनरेगा की योजनाएं
सुपौल -जिले के छातापुर प्रखंड स्थित लक्ष्मीनिया पंचायत में मनरेगा की योजनाएं बिचौलियों के लिए कामधेनु बनी है। पंचायत में मनरेगा से क्रियान्वित दो योजनाएं फिलहाल चर्चा में है जहां दर्जन भर मजदूरों से काम लेकर 10 गुनी अधिक मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान लिया जा रहा है। पंचायत के वार्ड नंबर 09 में राजनंद राम के के जमीन से सुनील उरांव के जमीन तक फसल सुरक्षा बांध निर्माण का कार्य अब अंतिम चरण में है। वहीं परियाही वितरणी के बिंदू दूरी 20 से 24 आरडी तक माइनर के तल सफाई कार्य में स्थानीय पीआरएस की मदद से खास मजदूरों के खाते में भुगतान कर फर्जी तरीके से उठाव किए जाने का सिलसिला जारी है।
खासकर परियाही माइनर के तल सफाई कार्य में प्रतिदिन महज 20-22 मजदूरों को काम पर लगाकर घास छिलने की प्रक्रिया अपनाई गई जिसे अब पानी छोड़ कर ढांपने की कोशिश हो रही है। वहीं दूसरी ओर फसल सुरक्षा बांध पर मिट्टी डाली गई और बाद में 12-15 मजदूरों को काम पर लगाकर उसे बांध का रूप दिया गया। लेकिन दोनों ही योजनाओं की एक कॉमन बात रही कि शुरुआती दौर से 13 दिनों के कार्यकाल में प्रतिदिन मजदूरों की 100 से अधिक अटेंडेंस दिखाई गई सिवाई 3 दिनों को छोड़ के और यह सिलसिला लगातार जारी रहा। सूत्र बताते हैं कि पंचायत की मनरेगा योजनाएं बिचौलिए के हवाले है जहां कार्य स्थल पर विभागीय कर्मी सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने जाते हैं।
सब जानकर भी अनजान बने हैं विभागीय कर्मी:
कम उपस्थिति के बावजूद अधिक मजदूरों का अटेंडेंस बनाने के पीछे भी तरह-तरह की प्रविधि अपनाई जा रही है। बताया जाता है कि स्थल पर कार्य कर रहे मजदूरों का चहुंओर से अलग-अलग फोटो खींचकर एनएमएमएस की साइट पर अपलोड कर दिया जाता है या फिर 50 रुपए प्रति व्यक्ति केवल फोटो खिंचवाने के नाम पर देकर फर्जी भुगतान का तरीका अपनाया गया है। माइनर सफाई के नाम पर मच रहे लूट में कई ऐसे मजदूरों के जॉब कार्ड एवं बैंक खाते का उपयोग भी किया जा रहा है जो रोजी रोजगार की तलाश में बाहरी प्रदेश गए हुए हैं या फिर ऐसे निजी लोग जो अन्य कारोबार करते हैं मगर उनके नाम पर जॉब कार्ड निर्गत कर कार्य करवा रहे बिचौलिए के हवाले कर दिया गया है।
हालांकि ऐसे लोगों के खाते में भुगतेय राशि के बदले उठाव के समय उनके खाते में तीन-चार सौ रुपए छोड़ दिए जाते हैं और शेष राशि उनसे वापस ले ली जाती है। इन सारे गोरखधंधे से मनरेगा कार्यालय व कर्मी भली भांति परिचित हैं बावजूद ‘मेरा और मुझे’ के फेर में सब कुछ आसानी से होने दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्राक्कलन के अनुसार माइनर की तल सफाई भी नहीं हुई और पानी छोड़ने की कवायद शुरू हो चुकी है। संदर्भ में पूछने पर मनरेगा पीओ कौशल राय ने बताया कि जेई से प्राक्कलन की जानकारी लेकर स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। कहा कि मैं खुद कल इसको देख लेता हूं।