प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें, सरकार ने 30 मानी, 60 घायल

प्रयागराज : महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या 35 से 40 तक हो सकती है। राष्ट्रीय न्यूज नेटवर्क के अनुसार, सरकार ने 17 घंटे बाद महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। शाम 6.30 बजे मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्णा ने 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की

महाकुंभ-भगदड़ में 35 से 40 मौतें, सरकार ने 30 मानी: 17 घंटे बाद मौत का आंकड़ा जारी, 25 शवों की पहचान, 60 घायल

प्रयागराज : महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या 35 से 40 तक हो सकती है। राष्ट्रीय न्यूज नेटवर्क के अनुसार, सरकार ने 17 घंटे बाद महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। शाम 6.30 बजे मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्णा ने 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

डीआईजी वैभव कृष्णा ने बताया:

“भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। जबकि 60 लोग घायल हैं। 25 शवों की पहचान कर ली गई है। इनमें सबसे ज्यादा यूपी के 19, कर्नाटक के 4, और गुजरात तथा असम के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं।

“उन्होंने कहा कि घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिससे जमीन पर सो रहे श्रद्धालुओं पर लोग चढ़ गए, और अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा।

विजय किरण आनंद ने कहा, “जो श्रद्धालु आए हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए काम किया जा रहा है। अब सवाल न करें।” हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। भगदड़ उस वक्त मची, जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे। राष्ट्रीय न्यूज नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में 20 शवों की गिनती की गई। यहां आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा था। इससे पहले मेडिकल कॉलेज में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए थे। फिर मेले से 8-10 एंबुलेंस से कुछ और शवों को लाया गया। इन्हें मिलाकर करीब 20 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। वे उन्हें लेकर चले भी गए हैं।

दिनभर की बड़ी अपडेट्स:

• भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट—भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।
• पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी।
• रास्ते को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है।
• शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
• यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, “श्रद्धालु जहां जगह हो वहीं स्नान करें। जहां इतनी बड़ी भीड़ होती है, इतना बड़ा प्रबंधन होता है, ऐसी छोटी-मोटी घटना हो जाती है।”
• प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
भगदड़ की 2 संभावित वजह

1. अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।
2. संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
PM मोदी ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है:

उन्होंने कहा,“मैं उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हैं, कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावट आई थी, लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रूप से लोग स्नान कर रहे हैं।”
CM योगी आदित्यनाथ की अपील :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, “श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।”

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button