हिमाचल में ST महिला प्रधान की अनुकरणीय सोच, किन्नर समाज को भेंट किया शौचालय
नाहन, 14 फरवरी : सकारात्मक सोच रखने वाले समाज को समानता की माला में पिराने की चाह रखते हैं। बेशक ही समाज को विभाजित करने वाली ताकतें भी सक्रिय रहती हैं, लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है, जो समाज को समानता की नजर से देखता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक सोच हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की कौलावालांभूड पंचायत से सामने आई है।
देश में ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender) की क्या हालत है, इससे हर कोई वाकिफ है। किन्नर समाज से टोटकों के लिए सिक्का लेना व नजर उतारना तो ठीक है, लेकिन समाज में एक सही दर्जा देने की बात नहीं होती है, कोई नहीं चाहता कि किन्नर घर के नजदीक रहें या फिर पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करें।
इससे विपरीत अनुसूचित जनजाति (Shedule Tribe) से ताल्लुक रखने वाली महिला पंचायत प्रधान ‘रितु चौधरी’ ने एक अलग की सोच पेश की है। प्रधान ने पंचायत घर के समीप पंच वाटिका का निर्माण करवाया। इसमें शौचालय की भी व्यवस्था की गई। हर किसी की नजर उस समय शौचालय पर टिक जाती हैं, जब देखते हैं कि पुरुष व महिला शौचालय के साथ-साथ ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी अलग शौचालय की व्यवस्था हुई है।
हालांकि, पुख्ता तौर पर ये कहना मुश्किल है कि हिमाचल में पहले भी कहीं ऐसे शौचालय का निर्माण हुआ है या नहीं, लेकिन इतना तय है कि इस तरह की जानकारी पहले सामने नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि 2014 में देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी कहा था कि ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय होने चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि किन्नर समाज सुबह घर से निकलने के बाद दिन भर शादी व संतान प्राप्ति पर बधाईयों में ही व्यतीत कर देता है। ऐसे में समाज को शौचालयों की कमी खलती है।
ऐसा भी बताते हैं कि करीब 6 साल पहले मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किन्नरों के शौचालय का उद्घाटन किया था।
उधर, हिन्दू गुज्जर समुदाय से संबंध रखने वाली पंचायत प्रधान रितु चौधरी से एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने फोन पर बातचीत की। एक सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा….‘अक्सर ही किन्नरों को आते-जाते देखती थी। पंचायत का हिस्सा पड़ोसी राज्य हरियाणा से भी सटा है। ट्रांसजेंडर्स की आमद काफी रहती है। ऐसे में ये तय किया कि पंचायत घर के समीप बन रही पंच वाटिका में किन्नर समाज के टाॅयलेट की भी व्यवस्था की जाएगी। ”
प्रधान से पूछा गया कि पहली बार शौचालय के इस्तेमाल पर किन्नरों की प्रतिक्रिया क्या थी तो प्रधान ने बताया कि वो बेहद ही खुश थे। धन्यवाद करते हैं। पंचायत प्रधान ने बताया कि शौचालय का निर्माण काफी पहले करवाया गया था।
उल्लेखनीय है कि करीब एक साल पहले शहर के इन्नरव्हील क्लब की महिला सदस्यों ने किन्नर समाज के साथ लोहड़ी का पर्व उनके घर में ही मनाया था। इस सोच ने भी समाज को एक नई दिशा दी थी।