हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय के एलुमिनाई2022 कार्यक्रम पर माकपा विधायक राकेश सिंघा ने उठाए सवाल

 हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के 50 वर्ष पर विश्वविद्यालय द्वारा एलुमिनाई कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विश्वविद्यालय से निकले  पूर्व 100 छात्र जिन्होंने अपने अपने क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त की है  उनके लिए हिमाचल प्रदेश विश्व वविद्यालय ने एलुमिनाई 2022  कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमे  hpu के पूर्व छात्र व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  व सांसद जगत प्रकाश नड्डा ने बतौर मुख्यथिति शिरकत की । इस दौरान कार्यक्रम में माकपा विधायक राकेश सिंघा व काँग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुख्खू से भी हिस्सा लिया उनके अलावा अलग अलग क्षेत्रो की महान हस्तियां भी मौजूद रही । कार्यक्रम के बाद माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कार्यक्रम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने पहल अच्छी की है लेकिन कार्यक्रम को संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर आयोजित करना चाइये उंन्होने कुछ नामो को जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें इस कार्यक्रम में होना  चाइये था , लेकीन दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह यहां नही है जिसका उन्हें मलाल है ।.
 विओ , :- राकेश सिंघा ने कहा कि एलुमिनाई 2022 एक अछी शुरुआत है लेकिन वह समझते है कि इसे और बेहतर बनाया जा सकता था उंन्होने कहा कि वह मंच से बोले , लेकिन वह बोलना नही चा रहे थे उंन्होने कहा कि उनके मन मे बहुत मतभेद थे लेकिन उन्होंने यह महसूस किया कि ऐसे मंच से मतभेद उजागर करना ठीक नही होगा इसलिए उन्होंने अपनी बात को संक्षेप में रखा । लेकिन वह ऐसा समझते है और वह उसके लिए सार्वजनिक भी होना चाहता हूं कि विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी देंन है चाहे वो मेडिकल साइंस की बात हो , इंजीनियरिंग साइंस की बात हो आप कोई भी फील्ड उठा कर देख लो  विश्वविद्यालय ने हर फील्ड में बड़ी देंन दी है और उसका मुख्य कारण था कि जो शुरू का दौर रहा डॉ परमार के समय का उंन्होने संकीर्णता बाद से ऊपर उठकर विश्व विद्यालय को चलाया और इसलिए वर्ल्ड रेनॉफ़ प्रोफेसर इस विश्व विद्यालय ने दिए चाहे वो डॉ आर के सिंह बात करें , डॉ भटनागर की बात करें ,डॉ बच्चन सिंह , डॉ मलोहत्रा की बात हो वह बहुत से विश्व विद्यालय में रहे जहां बनियाद मेरिट और एक्सीलेंस थी  उसके साथ कोई कोम्प्रोमाईज़ नही था आज में बडे दुख से कह रहा हूँ कि आज इन बातों को छोड़ कर संकीर्ण धाराओं में जाकर और कही न कहीं नजर आ रहा कि आप सब नियमो की उलंघ्ना कर कर ,एक खास विचार धारा को प्राथमिकता देकर विश्वविद्यालय को चलाना  चाहते हो  । में ऐसी बात उस मंच से कहना नही चाहता था इस विश्व विधालय डॉ तेग प्रताप को पैदा किया है  उनके सीनियर थे और चुनाव लड़े  रिजल्ट हाई कोर्ट ने रोक दिया था  रिजल्ट घोषित नही हो पाया था और इसलिए में बाई डिफॉल्ट फर्स्ट इलेक्टेड प्रेसिडेंट बना हूँ ।  लेकिन डॉ तेग प्रताप दो दफा पालमपुर विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर रहे थे  ,पंथ नगर के वाईस चांसलर रहे हैं, श्री नगर यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर रहे आज अगर हमारे बीच होते तो हमारा प्रोग्राम सुशोबित होता ,  डॉ घनश्याम चौहान गोल्ड मेडलिस्ट रहे , जिनका दुनिया केअंदर नाम है  अगर शामिल होते तो अच्छा लगता , डॉ कश्मीर 2 गोल्ड मेडल वापिस लौटाए है उंन्होने  , डॉ इंद्र राणा एक गोल्ड मेडल लौटाया है उंन्होने  जिनका जिक्र सुखविंदर सुखु ने किया और नड्डा जी ने भी चलते चलते जिक्र किया  था। ये वो रहे है जिन्होंने अपने लिए नही इस विश्वविद्यालय की स्वायत्तता बनाने के लिए वो गोल्ड मेडल वापस लिए थे  मेने कुछ लोगो से पता किया था उन्हें आज आमंत्रित नही किया था  मुझे दुख होता है इस बात का और में मंच पर बैठा इस बात को साझा भी कर रहा था सुख विन्दर सुख्खू और विपिन परमार साहब से किया । कि चलो आज राज तुम्हारा है  आधे तुम्हारे होते आधे दूसरे भी होते  ।ये एक नही बहुत से ऐसे नाम है जो आज वहां पर मौजूद नही थे मेरा मन दुखी हुआ और मैने सोचा कि हम मिलेंगे वहां पर लेकिन नही मिले ।और बहुत अच्छा होता कि अगर वह होते वहां पर वो ये नही जानते कि बुलाया था कि नही बुलाया था  लेकिन  एप्सेन्ट थे  जब हम इस तरीके का फंक्शन करते है तो में  समझता हूं हमे संकीर्णता बाद से ऊपर उठना चाइये ।।
  उंन्होने कहा कि यदि आप इतिहास बदलना चाहते है तो यह में साफ कह देना चाहता हूं कि ना तो विश्वविद्यालय का इतिहास बदला जा सकता है और  न इस देश का  इतिहास बदला जा सकता है ।  उंन्होने कहा कि जो उंन्होने नाम लिए वो वहाँ होते तो अच्छा लगता ,  डॉ रणदीप गुलेरिया  ( aims डायरेक्टर)  वहाँ मंच पर थे उन्हें देख अच्छा लगा   वो हमारे हिमाचल की शान है, विश्वविद्यालय की शान है ।  डॉ जगत राम को हम नही दे सके वो सम्मान जो मिलना चाइये था  लेकिन उनका भी सीधा योगदान रहा है  वो सीधारूप से  विश्व विद्यालय  नही जुड़े रहे होंगे लेकिन उनके योगदान को हम नजरअंदाज नही कर सकते  ऐसा मेरा मानना है बहुत से ऐसे लोग जो छूट गयेहै  उसे में समझता हूं VC महोदय को  और ये जो कमेटी गठित की गई थी जिसने इस कार्यक्रम को आयोजित किया था उनकव पुनर्विचार करना चाइये जो आज त्रुटि रही है जान के रही है या अनजाने में हुई है  उसपे में टिप्पणी करना नही चाहता हूं    लेकिन इस विश्वविद्यालय के इतिहास को अगरकोइ बदलना चाहेगा तो इसे बदला नही जा सकता इसका अपना ही इतिहास रहा है और एक गौरव किस्म का इतिहास रहा हैइसका इतिहास सँघर्षो का इतिहास रहा है  कि विश्वविद्यालय से जो पैदा हुआ है उसने कभी झुकनॉ सीखानही है वो अप राइट रहा है  जो ब्रॉड धारा इस विश्वविद्यालय  में रही है  वाम धारा रही है , धर्म निरपेक्ष धारा रही है  और एक लोकतांत्रिक धारा रही है जनवादी धारा रही है  और विश्वविद्यालय में इसे मजबूत करने की जरूरत है । उंन्होने कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत हुई है और कार्यक्रम में त्रुटियां रही है उसे आपको आने वाले समय मे  दूर करना होगा

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