हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को अर्पित किए श्रद्धासुमन

सिरमौर कल्याण मंच सोलन की ओर से वीरवार को हिमाचल निर्माता व प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की 116वीं जयंती धूमधाम से मनाई। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सुबह 9 बजे सोलन के चिल्ड्रन पार्क स्थित प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। इस मौके पर सोलन के डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के हिमाचल प्रदेश के गठन के लिए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके भगीरथी प्रयासों से आज हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों के लिए रोल मॉडल बना है। उनकी जयंती पर उनको नमन करना मेरे से लिए सौभाग्य की बात है। इस मौके पर सिरमौर कल्याण मंच के अध्यक्ष बलदेव चौहान ने कहा कि डॉ. परमार युग पुरूष और युग दृष्टा थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हिमाचल आज प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
इस मौके पर सिरमौर कल्याण मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप मंमगाई, महासिचव डॉ रामगोपाल शर्मा, डॉ.एसएस परमार, डॉ. एसएल वर्मा, डॉ.लोकेश मंमगाई, नरेंद्र चौहान, संतराम वर्मा, राजेंद्र शर्मा,के आर कश्यप, सुखदर्शन ठाकुर, जय ठाकुर, महेंद्र गौतम, अजय कंवर, मियां प्रेम सिंह, दर्शन सिंह पुंडीर, अक्षय चौहान, यशपाल कपूर, प्रताप सहित अन्य मौजूद रहे। इसके अलावा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष शिव कुमार, नगर परिषद सोलन के पूर्व चेयरमैन कुलराकेश पंत, पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, पार्षद ऊषा शर्मा, एडवोकेट सुभाष बर्मानी, गगन चौहान, रोहित शर्मा, सावित्री सांख्यान, हरिमोहन शर्मा शिव दत्त ठाकुर, बघाट बैंक के पूर्व चेयरमैन मोहन मेहता, नौणी पंचायत के प्रधान मदन हिमाचली समेत अन्य लोगों ने डॉ. परमार को श्रद्धासमुन अर्पित किए।
60 ने किया रक्तदान, सभी रक्ताओं को एक बैग और एक किलो देसी घी दिया
सिरमौर कल्याण मंच ने हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की 116वीं जयंती के मौके पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस मौके पर करीब 100 युवाओं ने रक्तदान के लिए अपना पंजीकरण करवाया था, लेकिन ब्लड बैंक की टीम ने 60 यूनिट रक्त लिया। इस मौके पर विजयी फोरम के अध्यक्ष व समाजसेवी तरसेम भारती ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और हम निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करते हैं। हमें पता नहीं होता कि हमारा रक्त किसे जीवनदान दे रहा है। सही मायने में रक्तदान ही सच्ची मानवता की सेवा है। इस मौके पर ऑप्टीमाइज, शुंगलू व सिरमौर इंटरनेशनल गु्रप के मालिक एलडी शर्मा की ओर से सभी रक्तदाताओं को एक-एक किलो देसी घी और एक बैग दिया गया। सोलन शहर में यह पहला अवसर है, जब किसी ने रक्तदाताओं को एक-एक किलो देसी घी दिया।
इस मौके पर सिरमौर कल्याण मंच के सदस्य, जिला सोलन पत्रकार संघ के महासचिव यशपाल कपूर ने 40वीं बार, सोलन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. एसएल वर्मा ने 34वीं बार रक्तदान किया। इसके अलावा सोलन प्रेस के 12 से अधिक सदस्यों के अलावा डीएफओ सोलन श्रेष्ठानंद इंटरनेशनल मैराथन रनर कल्पना परमार ने भी रक्तदान किया। इस मौके पर प्रदीप मंमगाई, महेंद्र गौतम, अजय कंवर, डॉ. एसएल वर्मा, डॉ. लोकेश सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
डॉ. परमार पर कवि व विचार गोष्ठी का आयोजन
हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की जयंती पर कवि व विचार गोष्ठी का आयोजन डॉ. परमार आयोजन समिति सोलन व सिरमौर कल्याण मंच के संयुक्त तत्वाधान कवि व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोलन नरेंद्र चौहान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस मौके पर हम सभी का नैतिक दायित्व है कि हम डॉ. परमार की विरासत को आने वाली पीढिय़ों के लिए संजो कर रखें।
सिरमौर कल्याण मंच के प्रधान बलदेव चौहान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस विचार गोष्ठी पर अपने विचार रखे। मंच के महासचिव डॉ. रामगोपाल शर्मा ने विचार गोष्ठी के लिए कुछ प्रस्ताव रखे, जिन्हें सर्व सम्मति से पास किया गया। इसमें हिमाचल भवन में परमार की प्रतिमा लगाने और बच्चों को बाल्यकाल से ही परमार के बारे में बताने पर बल दिया गया।
विचार गोष्ठी में कांग्रेस नेता विनोद सुल्तानपुरी ने डॉ. परमार को महान नेता बताया। उन्होंने कहा कि उनके प्रदेश के समृद्ध बनाने के लिए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि डॉ.परमार के बारे में सभी को जानने की आवश्यकता है। कांग्रेस नेता जगमोहन मल्होत्रा ने डॉ. परमार को स्टेटमैन बताया। आप नेता विनोद कुमार ने कहा कि स्वार्थ की राजनीति से कहीं ऊपर था डॉ. परमार का कद, यही कारण है कि उन्हें सभी राजनीति से ऊपर उठकर याद करते हैं। संजय हिंदवादन ने उनके योगदान पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन की खातिर अपनी सैशन जज की कुर्सी को छोड़ दिया था, जो उनकी महानता को दर्शाता है। धर्मचंद गुलेरिया ने कहा कि उनके विचार सदा अमर रहेंगे। इस मौके पर युवा अधिकारी संतराम वर्मा ने भी डॉ. परमार को अपने शब्दों से श्रद्धांजलि दी।
नेरा दूर करने खे, दिवे जिशा बला थिया
चन्हालगो री माटी में, यशवंत पला थिया
इस मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से जहां डॉ. परमार को याद किया, वहीं वर्तमान व्यवस्था पर भी तीखे तंज कसे।
कवि मदन हिमाचली ने फरमाया नेरा दूर करने खे, दिवे जिशा बला थिया
चन्हालगो री माटी में, यशवंत पला थिया। डॉ. नरेंद्र शर्मा ने अपनी कविता कलियुगी गीता ज्ञान के माध्यम से सरकार पर प्रहार किया। रामलाल राही ने पहाड़ी में कविता शावणों रा महीना पढ़ी। बक्शीचंद जसवाल ने अपनी कविता के माध्यम से कोर्पोरेशन कर्मचारियों के लिए पेंशन की मांग कर डाली। वयोवृद्ध कवि हेतराम पहाडिय़ा ने अपनी पहाड़ी कविता लाल परी से सभी की तालियां बटोरी। कवि सचपाल ने पहाड़ी कविता के माध्यम से हिमाचली भाषा के उत्थान की बात की। कला वर्मा ने अपनी कविता हिमाचली बांका हो, हिमाचलो री ऊंचा धारा पेश की।