हिमाचल के बेटे ही नहीं बेटियां भी सरहद पर करेंगी मां भारती की रक्षा, पल्लवी बनी अग्निवीर
सोलन, 27 फरवरी :
हिमाचल प्रदेश को यूँ ही वीरभूमि नहीं कहा जाता। बेटे तो बेटे अब बेटियां भी सरहद पर माँ भारती की सेवा में जुटने लगी है। पुरुष अग्निवीरों का जत्था ट्रेनिंग के लिए सीएमपी बेंगलुरु और आर्टिलियरी सेंटर नासिक जा रहा रहा है। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद अग्निवीर भारतीय सेना में सेवाएं देंगे।
अहम बात यह है कि अग्निवीर बनने वालों की सूची में हिमाचल प्रदेश की बेटी भी शामिल है। सोलन की पल्लवी अग्निवीर योजना के तहत सेना के लिए चयनित हुई हैं। 20 साल की पलवी सोलन के दसेरन गांव से हैं। उनके पिता ट्रक ऑपरेटर हैं। वह सेना पुलिस बल में 4 साल के लिए सेवाएं देगी।
जानकारी की के अनुसार, एनसीसी कैडेट रही पल्लवी ने बिलासपुर डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन कंप्लीट की। पल्लवी के परिवार में कोई भी सदस्य सेना में नहीं है। पल्लवी का सपना आर्मी ज्वाइन करने का ही था। इसी वजह से स्कूल टाइम से ही एनसीसी ज्वाइन किया था। पल्लवी ने बताया कि वह पहले भी भर्ती के लिए ट्राई कर चुकी हैं, लेकिन रिटन टेस्ट रद्द होने की वजह से सिलेक्शन नहीं हो पाया था।
पिछले साल हुआ था अग्निवीर योजना का विरोध
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए पिछले साल अग्निपथ योजना को लॉन्च किया था। केंद्र सरकार के फैसले का देशभर में जमकर विरोध हुआ। विपक्ष ने भी अग्निपथ योजना को गलत बताया। अब धीरे-धीरे योजना के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। युवा अग्निवीर बनने के लिए जमकर मेहनत कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश के युवा छह महीने की ट्रेनिंग पाकर भारतीय सेना में सेवाएं देंगे।
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना में वर्ष 2023-24 के लिए भर्ती को लेकर भारतीय सेना के पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हुआ है। 15 मार्च तक पंजीकरण होगा। यह ऑनलाइन परीक्षा देश में 176 सेंटर पर होती है और अभ्यर्थियों के पास 5 केंद्र चुनने का विकल्प रहता है। आयु 18 से 21 के बीच और फीस का 50 प्रतिशत यानी 250 रुपये सेना देगी।