हर साल 1100 करोड़ रुपए सरेंडर कर रहा शिक्षा विभाग, टीचर्स के पद खाली, वापस जा रहा सैलरी का पैसा

हिमाचल में सबसे बड़ा सरकारी महकमा शिक्षा विभाग हर साल अपने बजट में से 1100 करोड़ सरेंडर कर रहा है। इसका खुलासा विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने किया है। इस समिति के अध्यक्ष विधायक रमेश धमाला हैं और उनकी ओर से विधानसभा में शुक्रवार को रखे गए प्रतिवेदन से यह जानकारी सामने आई है। समिति ने इतनी धनराशि सरेंडर करने पर हैरानी जताते हुए शिक्षा विभाग से नए सिरे से जवाब मांगा है। हालांकि पैसा सरेंडर करने के कारणों पर विभाग ने विधानसभा कमेटी में बताया है कि यह पैसा टीचर्स की सैलरी का है। ज्यादातर बजट सैलरी कंपाउंड कंपोनेंट में ही विभाग को मिलता है और फील्ड में शिक्षकों के पद खाली हैं। कैपिटल वर्क में मिलने वाला पैसा कभी सरेंडर नहीं होता, बल्कि यह कम पड़ जाता है। विभाग ने कमेटी में यह तर्क दिया कि जैसे-जैसे पोस्ट भर जाएंगी बजट सरेंडर होना भी बंद हो जाएगा। इसीलिए विधानसभा कमेटी ने सिफारिश की है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में जो राशि सरेंडर हुई है, उसका सारा रिकॉर्ड कमेटी में रखा जाए।

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