स्थापना दिवस के बहाने भामस प्रदेशाध्यक्ष मदन राणा ने दिखाई राजनीतिक ताकत
जमात अली। फतेहपुर
भारतीय मजदूर संघ के 67वें स्थापना दिवस के अवसर पर जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय मजदूर संघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष मदन राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। फतेहपुर के रामलीला ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में मजदूर संघ से जुड़े कामगारों व कर्मचारियों ने भाग लिया। इसे मदन राणा का स्थापना दिवस के बहाने शक्ति प्रदर्शन भी कहा जा सकता है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष द्वारा अपने ही विधानसभा क्षेत्र में इतना बड़ा कार्यक्रम करना इसको पुख्ता करता है। सर्वविदित है कि फतेहपुर में भाजपा गुटबाजी के फेर में फंसी हुई है और ऐसे में मदन राणा ने प्रदेश भाजपा को यहां अपनी दमदार उपस्थिति दिखाकर, पार्टी का ध्यान खींचने की कोशिश की है। मदन राणा ने किराए की भीड़ नहीं है कहकर यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि क्षेत्र की इतनी जनता उनके साथ सीधे जुड़ी हुई है।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में मदन राणा ने कहा कि 23 जुलाई 1955 को इस संगठन की स्थापना की गई। तब से लेकर यह संगठन गरीब मजदूरों के हितों में काम करते हुए उनके हक उन्हें दिलवाने में काम कर रहा है। इसके साथ ही यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक संगठन है। यही कारण है कि यह संगठन आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन बनकर उभरा है। भारतीय मजदूर संघ राष्ट्र हित, उद्योग हित व मजदूर हित के लक्ष्य को लेकर काम करता है। संगठन का सर्वप्रथम लक्ष्य राष्ट्र हित है क्योंकि राष्ट्र सुरक्षित होगा तो जनता भी खुशहाल रहेगी फिर वो चाहे किसी भी वर्ग का हो। मदन राणा ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के प्रयासों से आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर, मिड डे मील वर्कर्स, सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है। दिहदीदारों की दिहाड़ी बढ़ी है। अन्य वर्गों के साथ भी संघ उनकी मांगों को पूरा करवाने में अहम रोल अदा कर रहा है।
मदन राणा ने कहा कि अधिकारी मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर अमल नहीं कर रहे हैं। समय रहते अगर अधिकारियों ने उन घोषणाओं पर अमल नहीं किया तो संघ ऐसे अधिकारियों के कार्यालयों का घेराव करेगा। लेबर लॉ प्रदेश में लागू होना चाहिए यह सभी के हित में बहुत जरूरी है। सरकार और मुख्यमंत्री से मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाने की बात भी की है।
राणा ने कहा कि चुनावी बेला में इंटक के लोग सक्रिय हो गए हैं। 5 साल तक इन्होंने गरीब मजदूरों की सुध नहीं ली और अब खुद भी सपने देख रहे हैं और लोगों को भी दिखा रहे हैं।
पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग भी भारतीय मजदूर संघ लगातार उठाता रहा है। आज कांग्रेसी पुरानी पेंशन बहाली की बात करते हैं तो इससे पहले 2 बार कांग्रेस की सरकार प्रदेश में रही तब पेंशन बहाल क्यों नहीं की ?
मदन राणा ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल सैंकड़ों लोगों की भीड़ संगठन की ताकत दर्शाता है। यह लोग दिहाड़ी पर लाये हुए लोग नहीं हैं बल्कि अपने खर्च पर यहां पहुंचे हैं। जिस तरह नेता पैसे के दम पर भीड़ जुटाते हैं हमारे संगठन के साथ लोग दिल से जुड़े हैं।