स्कूली बच्चों को दी मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों की जानकारी

 सोलन के डगशई सीनियर सेकंडरी स्कूल में बुधवार को विधिक जागरूता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जिला न्यायलय सोलन के एडवोकेट अभित कौशल ने स्कूली बच्चों को उनके मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, यातायात नियमों व नशे की बुराईयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल कमल किशोर शर्मा भी मौजूद रहे।  

इस अवसर पर बोलते हुए एडवोकेट कौशल ने कहा कि भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की विस्तृत व्याख्या की गई है। मौलिक अधिकार व्यक्ति के नैतिक, भौतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है। जिस प्रकार जीवन जीने के लिए जल आवश्यक है, उसी प्रकार व्यक्तित्व के विकास के लिए मौलिक अधिकार। उन्होंने स्कूली बच्चों को यातायात नियम से सम्बंधित जानकारी दी। इसके माध्यम से आपको सभी महत्वपूर्ण यातायात नियमो, ट्रैफिक सिग्नल के नियम और महत्वपूर्ण यातायात चिन्ह और अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ की जानकारी प्रदान की गयी है। इससे न सिर्फ आप महत्वपूर्ण यातायात नियमों का पालन करके एक जिम्मेदार और शिक्षित नागरिक बन सकते है अपितु ड्राइविंग टेस्ट के लिए होने वाली परीक्षा को भी आसानी से पास कर सकते है।

एडवोकेट कौशल ने कहा कि समाज में नशे की बुराई दिनोंदिन बढ़ रही है। युवा जल्दी ही नशे के दलदल में फंसकर अपना भविष्य बार्बाद कर रहे हैं। नशीली दवा के सेवन के रूप में भी जाना जाता है, उस पदार्थ के उपयोग के एक दोषपूर्ण अनुकूलनीय पद्धति को सूचित करता है जिसे निर्भर नहीं माना जाता है। मस्तिष्क या व्यवहार को प्रभावित करने वाली कोई औषधि या एक गैर- चिकित्सीय या गैर-चिकित्सा प्रभाव के लिए कार्य-निष्पादन में वृद्धि करने वाली औषधि तक इन शब्दों के परिभाषाओं की एक विशाल श्रेणी है।

इस मौके पर स्कूल प्रिंसिपल कमल किशोर शर्मा ने जिला न्यायलय से आए एडवोकेट कौशल का धन्यवाद किया और कहा कि बच्चे अपने मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, यातायात नियमों का पालन कर और नशे से दूर रहकर समाज के लिए उपयोगी नागरिक बन सकते हैं।

यह जानकारी प्रवक्ता राजनीति शास्त्र अंजना ठाकुर ने दी।

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