सांस कार्यक्रम का जिले में करें प्रभावी क्रियान्वयनः डीसी 12 नवम्बर से 28 फरवरी, 2023 तक चलेगा सांस कार्यक्रम पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया की शीघ्र पहचान की जाएगी
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मंडी। कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह जानकारी उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने जोनल अस्पताल मंडी में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस और सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त ने बताया कि सांस कार्यक्रम 12 नवम्बर से 28 फरवरी, 2023 तक चलेगा। उन्होंने उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को सांस कार्यक्रम का जिले में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश ठाकुर ने बताया कि 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु के कारणों में से निमोनिया एक प्रमुख कारण है। हजारों बच्चे प्रतिवर्ष निमोनिया से संक्रमित हो जाते हैं। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु अन्य संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु की तुलना में काफी अधिक है। उन्होंनेे बताया कि सांस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समुदाय में जागरूकता पैदा करना, निमोनिया की पहचान करने में सक्षम करने के लिए देखभालकर्ता को जागरूक करना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से निमोनिया के मिथकों व धारणाओं के बारे में व्यवहार परिवर्तन करना है।
उपायुक्त ने बताया कि मंडी जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 21 नवम्बर को एक साल से लेकर 19 साल तक के बच्चों किशोर-किशोरियों को कीड़े मारने की दवा अल्बेंडाजोल खिलायी जाएगी। किसी कारणवश छूटे हुए बच्चों को 25 नवम्बर को मौप-अप कार्यक्रम के दौरान दवा खिलायी जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुराधा शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान एक से पांच साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं छह साल से लेकर 19 साल तक के बच्चों को सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में कीड़े मारने की दवा अल्बेंडाजोल खिलायी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अल्बेंडाजोल दवा खिलायी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में 2 लाख 63 हजार 498 बच्चों को कीड़े मारने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह दवाई झूगी झोपड़ियों में रहने वाले प्रवासी बच्चों को भी खिलाई जाएगी।
सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) का दूसरा चरण शुरू
उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया के कारण होने वाली बच्चों की मौतों को कम करने के प्रयासों को तेज करने के लिए गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का दूसरा चरण शुरू किया गया है। यह पखबाड़ा 14 नवम्बर से लेकर 28 नवम्बर तक चलेगा। जिले भर में कार्यक्रम के दौरान 50026 हाऊसहोल्ड कवर किए जाएंगे। इस दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 0 से पांच वर्ष के बच्चों को ओआरएस और जिंक की गोली के पैकेट बांटेंगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनुराधा शर्मा ने बताया कि इसका उद्देश्य सबसे प्रभावी और कम लागत वाले डायरिया उपचार ओरल रिहाइड्रेशन नमक (ओआरएस) समाधान और जिंक टैबलेट का संयोजन बारे में जन जागरूकता पैदा करना है। पखवाड़े के दौरान जिला और गांव स्तर पर स्वच्छता और ओआरएस और जिंक थेरेपी को बढ़ावा देने के लिए सघन सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ देवेन्द्र शर्मा, जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सोहन लाल, वरिष्ठ चिकित्सकों सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।