सरोवर से उत्पन्न इस देवता को माना जाता है शेषनाग का रूप

मंडी, 22 फरवरी

छोटी काशी मंडी में देवी-देवताओं के आगमन से स्वर्गमयी नजारा देखने को मिल रहा है। जनपद के सैंकड़ों देवी-देवता अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत कर भक्तों को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं। इन देवी-देवताओं से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए कई मन्नते भी मांगते हैं। मंडी शिवरात्रि में सैंकड़ों सालों से द्रंग के उतरसाल से एक ऐसे देवता आते हैं जो अनाज व काला सोना यानी लोहे से ही खुश होकर श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। इन देवता का नाम है “श्री देव खहणी नागणू”।

श्री देव खहणी नागणू उत्पत्ति तालाब से हुई है और इन्हें शेषनाग का रूप माना जाता है। इनका मूल स्थान उतरसाल के नवलाया पंचायत के नेरी में है। जहां उनकी उत्पत्ति बढानणू से इनके पिता से हुई है। जिस भक्त की श्री देव खहणी नागणू के समक्ष सच्ची लगन व विश्वास होगा, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसमें भक्त को देवता के दर सवा किलोग्राम अनाज व लोहा रखना होता है। उसके उपरांत देवता खुश होकर हर मनोकामना पूरी करते है।

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