सत्ता में रहते पढ़े लिखे वेरोज़गार युवाओं को रोजगार दिया होता, रोजगार संसाधन विकसित किए होते अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने तो बेरोजगार यात्राएं शुरू न करना पड़ती।

सत्ता में रहते पढ़े लिखे वेरोज़गार युवाओं को रोजगार दिया होता, रोजगार संसाधन विकसित किए होते अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने तो बेरोजगार यात्राएं शुरू न करना पड़ती।
फतेहपुर
यह कहना है डाक्टर संजीव गुलेरीया का जो कि हिमाचल प्रदेश रीजनल एलांएस के प्रदेश महामंत्री और न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं उन्होंने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस हाथ-पांव मार रही है लेकिन जनता,गरीब मजदूर, पढ़ा लिखा आज का बेरोजगार युवा, जागरूक हो गया है वो अब इन दलों के झूठे वादों पर विश्वास नहीं करने वाला।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि
तीन से पांच बार विधायक रहे, बुढ़ापे में भी विधायक बनने के लिए, अपनी पार्टी से ही विद्रोह करने वाले व्यक्ति , जो अपनी पार्टी को ही छोड़कर कभी इधर कभी उधर टिकट और विधायक बनने के लोभ मोह से ग्रसित हैं, वो जनता का और अपने चुनाव क्षेत्र का विकास खाक करवाएंगे। ऐसे लोगों को विधायक बन कर अपना विकास करना ही एकमात्र ध्येय है उन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने आगे कहा कि भाजपा में भी क‌ई विद्रोही सत्ता सुख भोग रहे हैं और जिन्हें पार्टी टिकट नहीं मिलने, अपनी करनी के कारण आसार दिखाई दे रहे हैं, वो भी अपनी अपनी डफ़ली अपना-अपना राग आलाप रहे हैं, कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम भी अलग-अलग कर रहे हैं। जिस से यह स्पष्ट है कि भाजपा में भी उथल-पुथल मची हुई है।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कांग्रेस भाजपा दोनों पार्टियों पर पढ़े लिखे वेरोज़गार युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रहने के लिए इनकी नीयत और नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि एन.पी.एस. नो पेंशन स्कीम, रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी वर्ग पर थोप दी गई जिस के लिए हिमाचल प्रदेश में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी वर्ग संघर्ष कर रहा है लेकिन मुख्यमंत्री सत्ता के मद् में मस्त हैं। यह अहंकार ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगा।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश रीजनल एलांएस जनता, किसान, गरीब मजदूर और पढे लिखे बेरोजगार युवाओं, सभी से आह्वान करता है कि इन दोनों भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टियों और विधायकों को सत्ता से बाहर करें और न‌ए पढ़े लिखे युवाओं को वोट दे कर चुनाव में जीता कर विधायक चुनें।

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