शिमला यूनिवर्सिटी के खिलाफ हल्ला बोल; 80 फीसदी छात्र फेल; कालेजों में धरने पर बैठे विद्यार्थी

 

हिमाचल प्रदेश विवि ने करीब पांच माह बाद यूजी का रिजल्ट दिया लेकिन इस परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न कालेजों के 80 फीसदी छात्र फेल हो गए हैं। दरअसल छात्र संगठनों ने एचपीयू प्रशासन पर यह आरोप लगाए है। इस बारे में प्रदेश के विभिन्न कालेजों के छात्रों ने धरना दिया और एचपीयू में भी वीसी कार्यालय के बाहर छात्र धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि इस बार एचपीयू ने पेपर चैकिंग के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया यानी मैनुअल आधार पर पेपर चैक नहीं हुए। इसमें जो छात्र पिछली परीक्षा में टॉपर थे वे इस बार सभी सब्जेक्टस में फेल कर दिए गए हैं। जब इस बारे में एचपीयू से बात की गई तो इनका यह तर्क है कि भले ही पेपर कम्प्यूटर में चैक हुए हैं लेकिन इसका काम शिक्षकों ने ही किया है। इसमें कोई त्रुटि नहीं है। कोविड में दो साल छात्रों को प्रोमोट किया गया है तो ऐसे में छात्र इस बार भी इसी तरह की मनोस्थिति में थे। इसके बाद भी यदि किसी छात्र को ऐसा लगता है कि उसने पेपर सही किया था और उसके माक्र्स कम आएं है तो छात्र पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। (एचडीएम)
छात्रों ने कार्यालय आकर अपनी समस्या रखी है कि उनके रिजल्टस खराब हुए हंैं। इनमें से कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो पहले अच्छे माक्र्स में पास हुए हैं लेकिन अब दो से तीन सब्जेक्टस में फेल हुए हैं। इस बारे में जांच की जा रही है
डा. अनुपम, प्रिंसीपल कोटशेरा
इस बारे में राजकीय कन्या महाविद्यालय कालेज की प्रिंसीपल डा. रुचि रमेश का भी कहना है कि उनके पास रोज छात्राएं आ रही है।

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