शिमला में 30 हजार में बिक रहा एक चंबा रुमाल, विदेशों में एक लाख तक कीमत

शिमला के रिज मैदान पर लगा क्राफ्ट मेला स्थानीय लोगों को ही नहीं, सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यहां हाथ से बनी वस्तुएं सबको पसंद आ रही हैं। कुल्लू-किन्नौरी शॉल से लेकर चंबा रुमाल तक यहां मौजूद हैं। पांच दिवसीय कला और शिल्प मेले में एक दर्जन से ज्यादा स्टॉल लगे हैं। चंबा रुमाल के स्टॉल पर दिनभर भीड़ रही। रेशम के धागों से कॉटन और खादी के रुमाल पर की गई कारीगरी को देख हर कोई चकित हो रहा है, दाद भी खूब मिल रही लेकिन खरीदार कम हैं।

चंबा के एक रुमाल की कीमत 250 रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक है। इन महंगे रुमाल को बनाने के लिए 25 दिन लग जाते हैं। चंबा की कारीगर सुनीता ने बताया कि रुमाल पर भगवान श्रीकृष्ण, राधा और गोपियों की रास लीला बनाने के लिए करीब एक माह लग जाता है। इसके लिए विशेष धागा कई बार दिल्ली या अमृतसर से मंगवाना पड़ता है। सुनीता ने कहा कि कसीदाकारी किए रुमाल एक लाख रुपये तक बिकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस कला को तारीफ तो बहुत मिलती है लेकिन खरीदार कम हैं। इनकी विदेशों में ज्यादा मांग रहती है। चंबा जिले की महिलाएं ही इसे जिंदा रखे हुए हैं। हर मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तारीफ करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कला बेहद पुरानी है। इसके चाहने वाले पहले से ही देश-विदेश में हैं। इसे प्रधानमंत्री बड़े स्तर पर ले गए, अच्छा लगता है।

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