शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार : सिसोदिया

नयी दिल्ली
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं और वह अपने काम से हज़ारों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से सोमवार को यहाँ त्यागराज स्टेडियम में शिक्षक दिवस के अवसर पर समारोह में 118 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सिसोदिया ने कहा,“शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं। वे अपने काम से हज़ारों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं। हमारे शिक्षक बच्चों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम करते है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक बच्चों को सर्वश्रेष्ठ बनाने का काम तो करते है लेकिन अब दिल्ली के शिक्षक दिल्ली के 44 लाख बच्चों में देश को नंबर.1 बनाने का जुनून पैदा करेंगे। शिक्षकों को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा सचिव अशोक कुमार, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक नंदिनी महाराज, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा और शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा की शिक्षकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी, समाज को बदलने की जिम्मेदारी होती है जो किसी और प्रोफेशन में नही है। बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षक 360 डिग्री काम करते हैं, लेकिन अब शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वो बच्चों में देश को सर्वश्रेष्ठ बनाने का जुनून पैदा करें। हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चा अपने मन में यह सपना पाले की उसे भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनाना है।
सिसोदिया ने कहा कि इस शिक्षक दिवस पर हम सभी मिलकर एक प्रण लेते है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले और अच्छी शिक्षा का अर्थ यह हो कि देश का हरएक बच्चा यह सपना देखे कि उसे देश को नंबर.1 बनाए। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के स्कूलों में लगभग 44 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे है, यदि हमारे शिक्षक उनके दिलो में देश को नंबर.1 बनाने का सपना तैयार करें तो विश्व की कोई भी ऐसी ताकत नहीं होगी जो भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनने से रोक सकें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दशकों से स्कूलों में यही पढ़ाया जा रहा है कि भारत एक विकासशील देश है। हम अक्सर अख़बारों में पढ़ते है कि भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया बावजूद इसके यह हकीकत है कि भारत विकासशील देश ही है। उन्होंने कहा कि केवल अख़बारों की हैडलाइन बदलने से भारत विकसित देश नहीं बनेगा,भारत विकसित देश तब बनेगा जब हम देश को उस स्तर तक ले जाए जहाँ टेक्स्टबुक में यह लिख सकें, बच्चों को पढ़ा सकें कि भारत एक विकसित देश है। यही हमारी असल उपलब्धि होगी और यह सपना हमारे शिक्षक पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कहा कि आजकल कुछ लोगों को इस बात से शिकायत है कि मैंने स्कूलों में ज्यादा कमरे क्यों बनवाए? ज्यादा सुविधाएं क्यों विकसित की, टॉयलेट क्यों बनवाए। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शानदार सुविधाओं वाले स्कूल तैयार किए। यदि बच्चों को शानदार सुविधाएं व शानदार पढ़ाई देना भ्रष्टाचार है तो मुझे जेल में डाल दिया जाए मुझे कोई डर नहीं है। दिल्ली सरकार हर साल शिक्षक दिवस के अवसर पर स्टेट टीचर अवार्ड द्वारा शिक्षकों को सम्मानित करती है और इसके माध्यम से उनका आभार प्रकट करती है। इस साल 118 शिक्षकों को सम्मानित किया गया है।

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