वल्र्ड में कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा तरक्की लाहौल-स्पीति ने की : डॉ मारकंडे

यूं तो हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों में विकास के मॉडल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति विश्व में कृषि क्षेत्र के सिरमौर के रूप में उभर रहा है। हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री एवं लाहौल- स्पीति के विधायक डॉ रामलाल मारकंडे ने कहा कि वल्र्ड में यदि किसी जिला ने कृषि क्षेत्र में प्रोग्रेस की है तो वह है, उनका गृह जिला लाहौल-स्पीति।
डॉ मारकंडे ने कहा कि लाहौल-स्पीति में 80 के दशक तक सिर्फ आलू की खेती होती थी। अब लाहौल-स्पीति के किसान हाईटैक हो गए हैं। वह आधुनिक कृषि उपकरणों की मद्द से खेती कर रहे हैं। लाहौल-स्पीति अब आलू के अलावा गोभी, मटर, फूलों की खेती, सेब में देश-विदेश में अपनी उच्चगुणवता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि लाहौल में सभी किसानों को स्प्रे पंप, पावर टीलर, घास काटने व अन्य कृषि उपकरण प्रदान किए गए,जिससे अब जनजातीय क्षेत्र के किसान हाईटैक हो गए हैं। इससे उनकी आर्थिकी भी मजबूत हुई है।
उन्होंने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बताया कि कांग्रेस के समय एक काला कानून था, जिसमें 5 हैक्टर से कम भूमि वालों को सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल रही थी। प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही, कांग्रेस के कानून को हटाया और अब सभी खेती करने वाले किसानों को सरकारी सुविधाएं मिल रही है। लाहौल-स्पीति में संचार नेटवर्क को भी मजबूती प्रदान की गई है ताकि किसानों-बागबानों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए 42 मोबाइल टावर लाहौल और 38 मोबाइल टावर स्पीति में लगाए गए हैं।

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