लंपी वायरस ले रहा है बेजुबान जानवरों की जानें

पच्छाद

लंपी वायरस आए दिन सैंकड़ों पशुओं की जान ले रहा है।
यह वायरस सिरमौर के पच्छाद में अपना कहर मचा रहा है
पच्छाद की दिलमन व नैनाटिक्कर पंचायत में इस वायरस से लगभग 40 से 50 पशु अपनी जान गवा बैठे हैं। सूचना के अनुसार अभी भी लगभग 360 से ज्यादा एक्टिव कैसे हैं।
वेटनरी हॉस्पिटल नैनाटिककर के वेटनेरी ऑफिसर डॉक्टर अभिषेक गांधी ने जानकारी दी कि 25 जून को उन्होंने पहला केस मिला, इसके उपरांत उन्होंने सैंपल ले कर
National Institute of High Security Animal Diseases(NIHSAD) Bhopal भेजा। 8 जुलाई को ये सैंपल कन्फर्म किया गया। जिसके तुरंत बाद 8 जुलाई से ही वैक्सीन लगाना चालू किया गया है, अभी तक 3600 वैक्सिन लगा दी गई है।
अभिषेक ने कहा कि इसे लंपी स्किन डिजीज (LSD) का नाम दिया गया है। इस वायरस के लक्षण काफी खतरनाक है जिसमें तेज बुखार, टांगों का सुजाना, शरीर पर फोड़े व आदि लक्षण शामिल हैं।
ये संक्रमण मक्खी, मच्छर आदि द्वारा एक से दूसरे पशु में फैल रहा है। यह संक्रमण पशुओं से इंसानों में नहीं होता।
प्रशासन द्वारा इसके लिए दवाइयों की व्यवस्था भी गई है।
इस वायरस के तेजी से फैलने के कई कारण है जिसमें मानसून मौसम की बहुत भागेदारी है। ये वायरस गर्म व गीले मौसम ज्यादा हानिकारक होता है।
मौसम खुलने के बाद रिकवरी रेट बढ़ रहा है।
इसके कई उपचार है जैसे मक्खी और मच्छर से पशुओं का बचाव, संक्रमित पशु को अलग चारा व पानी रखना, जितना हो सके किसान अपने संक्रमित पशुओं को छुने के बाद हाथ कपड़े व जूते धो लें जिससे अन्य पशुओं में संक्रमण न फैले।
उनका कहना है की अब इस वायरस पर काबू पा लिया गया है, प्रतिदिन 2 से 3 केस सामने आ रहे हैं। जिसमें केवल 5 से 8 प्रतिशत मृत्यु दर देखी गई है।
प्रशासन के आदेशों के पर हर संक्रमित पशु का उपचार किया जा रहा है और वेटनरी हॉस्पिटल नैनाटिकर में इसके उपचार के लिए दवाइयां व वैक्सिन उपलब्ध है।

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