राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव: तीसरी संध्या में दिल्ली के नाटक ने दर्शकों को किया प्रभावित
मंडी, 17 नवंबर, ।
हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान एवं नाट्य रंगमंडल की ओर से संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, हरियाणा कला परिषद ,उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तीसरे दिन दिल्ली की संस्था की ओर से नाटक प्रतिबिंब का मंचन किया गया। मंच पर परिपक्व कलाकारों ने हास्य के माध्यम से गंभीर विषय को उठाते हुए मानवीय जीवन की त्रासदी को उजागर किया। नाटक की कहानी एक विधवा महिला के पास पेइंग गेस्ट रह रहे नौकरी पेशा युवक की है। जो सुबह उठकर आईने के सामने जाता है तो उसे आईने में अपनी छवि नज़र नहीं आती…आईना उसे खाली-खाली सा लगता है। वह आईने पर जमी धूल को छाड़ता है ,ऐसा करने से शायद उसकी छवि उभर कर सामने आ जाए। मगर ऐसा नहीं हुआ तो वह बौखला जाता है, प्रतिबिंब को खो जाना आदमी के वजूद को खो जाना है, उसका होना न होना एक समान है। यह बात वह घर की मालकिन आंटी को बताता है। उसे कहता है वह आईने के सामने खड़ी होकर देखे कि उसका प्रतिबिंब नजर आता है कि नहीं । उसे तो आईने में अपनी छवि नजर आती है, जैसे वह रोज आईने में स्वयं को निहारती है। वह युवक को फिर आईने के सामने लाकर खड़ा करती है तो वह हैरान हो जाती है, उसे भी युवक की छवि नजर नहीं आती। वह उससे कहती है कि यह तो अजूबा है अखबार वालों को बुलाकर इस खबर को छपवाएगी तो वह रातों रात मशहूर हो जाएगा। लाखों लोग उसको जानने लगेंगे और वह लाईव शो करके लाखों रूपए कमा सकता है। मगर वह उसे ऐसा करने से रोक देता है, इस बात का पत्ता चलने पर उसे नौकरी से हटा दिया जाएगा, उसका आधार नंबर बंद हो जाएगा और भी कई तरह की परेशानियां उसके सामने खड़ी हो जाएगी। ऐसा भी संभव है वह इस सबसे तंग आकर आत्महत्या ही कर ले। इसके बाद दोनों एक दूसरे के दिल में प्रवेश करते हैं। यहां भी उसके दिल में उसे अंधेरा ही अंधेरा नजर आता है। एक के बाद एक कई लोगो के दिल में वह जाता है और कई लोग उसके दिल में प्रवेश करते हैं। किसी को भी वहां पर कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आती है। नाटक का निर्देशन अंजु जेतली ने किया। जिन्होंने नाटक में मकान मालकिन आंटी की भूमिका निभाई। इसके अलावा यशराज जाधव, पराग शर्मा और निकिता ने दमदार अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।
फोटो: प्रतिबिंब नाटक में अपनी भूमिका निभाते कलाकार।