यमन में सरकार के नियंत्रण वाले तेल बंदरगाह में धमाका

सना

यमन के दक्षिण-पूर्वी प्रांत हद्रामाउट में सरकार द्वारा नियंत्रित एक प्रमुख तेल बंदरगाह में दो विस्फोट हुए। एक सुरक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने शुक्रवार रात समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि हौथी मिलिशिया ने विस्फोटक से भरे ड्रोन का उपयोग कर तेल बंदरगाह पर हमला किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमला तब हुआ जब स्थानीय अधिकारी वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के निर्यात की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक साथ दो विस्फोटों ने ढाबा बंदरगाह के आसपास के क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। उन्होंने पुष्टि किया कि सुरक्षा बलों ने ढाबा तेल बंदरगाह की ओर जाने वाली सभी मुख्य सड़कों को घेर लिया और विस्फोटों के बाद क्षेत्र के चारों ओर भारी बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया। इस महीने की शुरुआत में यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रंडबर्ग ने घोषणा की थी कि देश के युद्धरत पक्षों के बीच समाप्त हो चुके संघर्ष विराम को नवीनीकृत करने के लिए कोई समझौता नहीं हुआ है।

युद्धविराम पहले 2 अप्रैल को लागू हुआ और फिर 2 अक्टूबर से दो बार आगे बढ़ाया गया। यूद्ध विराम आगे बढ़ाने में विफल रहने पर संयुक्त राष्ट के मध्यस्थ ने हौथी मिलिशिया द्वारा सरकार द्वारा नियंत्रित प्रांतों में स्थित सभी विदेशी तेल कंपनियों का संचालन बंद करने या मिसाइल हमलों का सामना करने की चेतावनी दी थी।
यमनी सरकार के अधिकारियों ने कहा कि यमन में विदेशी तेल कंपनियों पर हौथी हमले और उसकी धमकियों ने देशव्यापी दहशत पैदा कर दी और देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। यमन 2014 के अंत से उस समय गृहयुद्ध में फंस गया है, जब ईरान समर्थित हौथी मिलिशिया ने कई उत्तरी शहरों पर धावा बोल दिया और सऊदी समर्थित सरकार को राजधानी सना से बाहर कर दिया। युद्ध ने दसियों हजार लोगों की जान ली है, चार मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं और देश को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है।

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