मोदी सरकार ने अनाज के साथ-साथ कफन पर भी टैक्स लगाया : राजेश धर्माणी

सुमन डोगरा
बिलासपुर
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी ने केंद्र सरकार को आम जनता की विरोधी सरकार बताया है। धर्माणी ने कहा कि बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने की मंशा का पर्दाफाश हो गया है। क्योंकि जो बड़े-बड़े कारपोरेट हाउस हैं उनका टैक्स वर्तमान सरकार ने 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। इससे एक वर्ष में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपयों का नुकसान सरकार को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार ने जो निर्णय लिए हैं वह पूर्ण रूप से जन विरोधी हैं और आजाद भारत में पहली बार देखने को मिले हैं। यह पहली बार हुआ है कि मोदी सरकार ने अनाज के साथ-साथ कफन पर भी टैक्स लगा दिया है।
आटा, चावल, चीनी, मनियारी का सामान, धूप दीप और आम आदमी के प्रयोग में आने वाली हर चीज पर टेक्स लगाया गया है। आजादी के बाद आज तक यह वस्तुएं टैक्स फ्री हुआ करती थीं। उन्होंने कहा कि कारपोरेट इंसानों का जो घाटा सरकार को उठाना पड़ रहा है उसे आम आदमी की जेब से पूरा किए जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई 2022 से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में बदलाव किया गया। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। नई दरों के आने से कई उत्पाद महंगे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले नोटबंदी की और अब खाद्य सामग्रियों पर जीएसटी लगाकर लोगों की परेशानी को और बढ़ाने का काम किया है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा निम्न और मध्यम वर्ग को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से बदहाल अर्थव्यवस्था, बेतहाशा महँगाई और रिकॉर्डतोड़ बेरोजगारी से देशवासी पहले ही जूझ रहे थे कि अब सरकार ने आज़ादी के बाद अति आवश्यक खाद्य पदार्थों गेंहू, अनाज एवं कफ़न इत्यादि पर भी जीएसटी लगाकर गरीबी में आटा गीला करने जैसा क्रूर काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार वास्तव में जन विरोधी साबित हुई है।

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