माताओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने तथा बच्चों की शारीरिक वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना अत्यंत प्रभावी योजना है।

यह जानकारी उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने योजना के तहत आज जिला स्तरीय सुपोषण कार्य बल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बचत भवन में दी।
बैठक में नई योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
उपायुक्त ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य बच्चों में अति कुपोषण, नाटापन, गंभीर दुबलेपन को दूर करने के लिए अतिरिक्त पोषाहार प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार के रूप में प्रदान किए जाने वाले मल्टी ग्रेन फ्रूट एंड नेटबार, आयरन एंड जिंक स्पिरुलिना बार, मल्टी ग्रेन हाई प्रोटीन वीबरेज मिक्स का जिला के लिए अनुमोदन किया। उन्होंने बताया कि यह उत्पाद सीएसआईआर पालमपुर से मंगवाए गए है।
उन्होंने कहा कि जहां पर अंडे को खाने की स्वीकार्यता नहीं है वहां पर सुपोषण के लिए यह प्रोटीन खाद्य पदार्थ उपयुक्त साबित होंगे। उन्होंने कहा कि इन खाद्य पदार्थों की अत्यधिक पौष्टिक व पोषण क्षमता के माध्यम से कुपोषण को दूर करने में लाभ मिलेगा।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के तहत जानकारी देते हुए बताया कि जिला शिमला के प्रत्येक राजपत्रित अधिकारियों को 4 आंगनबाड़ी केन्द्र दाता व दतक के आधार पर अपनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अधिकारी इस योजना के तहत व्यक्तिगत आधार पर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि माह की प्रत्येक 15 तारीख को सामुदायिक आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसे आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा। उन्हांेने कहा कि माह के चैथे शनिवार को आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चो को प्राथमिक पाठशालों मंे ले जाकर परस्पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा ताकि आंगनबाड़ी बच्चों के मानसिक व बौद्धिक विकास को परिपक्वता प्रदान की जा सके।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी कपिल, उप-निदेशक उच्च शिक्षा अशोक शर्मा, उप-निदेशक बागवानी डीआर शर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. मुनीश, कृषि व प्राथमिक शिक्षा के अधिकारी, जिला के विभिन्न क्षेत्रों से आए सीडीपीओ तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।

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