भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच परवानू द्वारा राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू को सौंपा ज्ञापन
सोलन
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच परवानू सोलन शिमला ने एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित के द्वारा राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू को चार गुना मुआवजा व पुनर्स्थापना पुनर्वास भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने बारे ज्ञापन सौंपा । भूमि अधिग्रहण परवाणू टू सोलन शिमला प्रभावित मंच ने राष्ट्रपति को 16 सूत्रीय मांग पत्र भेजा है जिसमें प्रदेश भूमि अधिकरण मंच के राज्य अध्यक्ष बीयर कुंडल परमाणु सोलन शिमला के अध्यक्ष इंजीनियर जेसी शर्मा शिमला किसान मोर्चा के अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तोमर और अन्य सदस्यों ने क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित और प्रोजेक्ट डायरेक्टर से मिलकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। इसमें 16 सूत्री मांग पत्र है बड़े दुख की बात है कि भाजपा कहती है कि हम जो कहते हैं वह करते हैं परंतु भूमि अधिग्रहण मंच के साथ भाजपा छलावा कर रही है भाजपा ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में कहा था यदि हम सत्ता में आएंगे तो 4 गुना मौजा प्रभावित परिवारों को देंगे, परंतु 4 साल बीतने के बाद सरकार प्रभावितों के साथ बात न कर उन्हें सड़कों पर नारे लगाने के लिए मजबूर कर रहा है । प्रभावित मंच का कहना है कि पूरे देश में कृषि कानून भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू किया गया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसकी अनदेखी की गई है पूरे देश में जहां भी सड़क के बीच रही है वहां फैक्टर दो लगाकर उनको मुआवजा दिया जा रहा है। हिमाचल में इसके फैक्टर 1 लगाकर आधा अधूरा मौजा ही दिया गया है। शिमला सोलन परमाणु सड़क बनाने में बहुत सी अनियमितताएं हुई हैं इस बारे में मंच के पदाधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय अधिकारी व प्रोजेक्ट डायरेक्टर से विस्तृत चर्चा इस बारे में की गई कि किस प्रकार उनका विभाग फील्ड में में लोगों को प्रताड़ित करता है और जितने भी रेवेन्यू डिपार्टमेंट से रिटायर्ड भ्रष्ट अधिकारी है उन्हें एनएचएआई में रखा गया है जो सबसे ज्यादा लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं हमें दोनों अधिकारियों से मिलकर बहुत अच्छा लगा दोनों अधिकारियों ने जब हमारी बात को सुना तो उन्होंने आश्वासन दिया कि हम आपके जो भी समस्याएं हैं जिस बारे में आप उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में गए हैं वह सही नहीं है आपका भी पैसा बर्बाद हो रहा है और हमारा भी पैसा बर्बाद हो रहा है जो सही नहीं है सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक केस के बाद यह टिप्पणी की गई कि न्यायालय मैं कम से कम से कम लोगों को आना चाहिए। हमने सोलन परमाणु सड़क बनने के बाद जबरदस्ती जो हमारी जमीन में बने मकान थे उनको गिराने का काम सोलन प्रशासन और एनएचएआई द्वारा किया गया उस पर एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि आपके साथ यह गलत हुआ हम वही तक कार्यवाही कर सकते हैं जहां तक हमने भूमि अधिग्रहण की है आप की जमीन में जाकर हम आपका मकान नहीं गिरा सकते यह गैरकानूनी है यही वक्तव्य हमें देश के राष्ट्रीय राजमार्ग के मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि हमारी भूमि अधिग्रहण के बाहर हमारा किसी भी प्रकार का कोई भी हक नहीं बनता और आपको तंग नहीं किया जाएगा परंतु उस समय के अधिकारियों द्वारा उनकी बातों को भी दरकिनार कर हमें जबरदस्ती घरों से बाहर निकाल कर हमारा सामान उठाकर हमारे मकान को गिरा दिया गया अब दोनों अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया है कि वह तीन-चार दिन के अंदर सोलन का दौरा करेंगे और हमारे प्रभावित लोगों से मिलकर उनके साथ हो रहे अन्याय के बारे में उनसे मौका पर ही वार्ता कर उन्हें न्याय देने की कोशिश करेंगे मंच के सभी अधिकारियों ने इस बात पर खुशी जताई है कि जो लोगों के के अंदर एनएचएआई के प्रति कि यह भ्रष्ट विभाग है यहां नहीं जाना है इस बात को इन दो अधिकारियों ने गलत साबित कर दिया और बड़ी विनम्रता से बात सुनकर लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी बातों पर विश्वास कर उन्हें कोर्ट के चक्कर न काटने पड़े इसलिए हम आपको मौका पर जाकर राहत देने की कोशिश करेंगे ताकि कम से कम आप लोग कोर्ट में जाएं यही आपके केसों का निपटारा हम आपस में बैठकर कर लेंगे इससे लोगों में दोनों अधिकारियों के प्रति एक आदर का भाव पैदा हुआ है और इस विभाग के प्रति विश्वास पैदा हुआ है मंच के पदाधिकारी इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप से भाजपा ऑफिस चक्कर में भी मिले और उन्हें भी ज्ञापन सौंपा और उन्हें यह भी याद कर आया कि आपके विजन डॉक्यूमेंट में आपने कहा था कि 4 गुना मौजा देंगे लेकिन आप की सरकार इसमें कुछ नहीं कर रही है चुनाव सिर पर हैं कम से कम 40 सीटों पर फोरलेन प्रभावित परिवार आप को नुकसान पहुंचा सकता है यह सरकार को देखना है कि वह मंच से वार्ता कर जो वादा चार गुना मुआवजा देने का किया था उसे वह पूरा कर रही है या नहीं अन्यथा आने वाले समय में फोरलेन प्रभावित मंच इससे भी ज्यादा उग्र प्रदर्शन करने के लिए सरकार उन को बाध्य करेगी जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी