भारतीय मौसम विज्ञानी अन्ना मणि को डूडल की विशेष श्रद्धांजलि

विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन ‘गूगल’ ने ‘भारत की मौसम महिला’ अन्ना मणि की 104वीं जयंती पर विशेष डूडल बनाकर उन्हें समर्पित किया। भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी अन्ना मणि को ‘भारत की मौसम महिला’ के तौर पर जाना जाता है।

गूगल ने मंगलवार को अपने डूडल में वर्ष 1918 में केरल में एक सीरियाई ईसाई परिवार में जन्मीं महान मौसम वैज्ञानिक को समर्पित डूडल में प्रकृति के सुंदर दृश्यों के साथ उन्हें पुस्तकों के बीच शोध में व्यस्त दिखाया है। चित्रों में रंगों का मिश्रण काफी आकर्षक और सौम्य है।

श्रीमती अन्ना ने भौतिकी और मौसम विज्ञान के क्षेत्र में कई बहुमूल्य योगदान दिया है। उनके शोध ने भारत के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान करना संभव बनाया और राष्ट्र के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने के लिए आधार तैयार किया।

उन्होंने भौतिक विज्ञानी एवं प्रोफेसर सी वी रमन के जूनियर के रूप में भी काम किया। प्रोफेसर रमन उस समय माणिक और हीरे के ऑप्टिकल गुणों पर शोध कर रहे थे।

श्रीमती मणि ने वर्ष 1939 में चेन्नई के पी पचैयप्पा कॉलेज से भौतिकी और रसायन विज्ञान में बीएससी ऑनर्स में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने पांच शोध पत्र प्रकाशित किए। इसके बाद वह वर्ष 1945 में भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए लंदन चली गईं थी। उन्होंने वहां इंपीरियल कॉलेज से पढ़ाई की थी। वह वर्ष 1948 में लंदन से लौटने के बाद पुणे में भारत मौसम विज्ञान विभाग में शामिल हो गईं। उनकी वहां मौसम संबंधी उपकरणों की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी थी।

श्रीमती मणि बाद में भारत मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक बनी और संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन में कई प्रमुख पदों पर काम किया। उन्हें वर्ष 1987 में विज्ञान में उल्लेखनीय योगदान के लिए आईएनएस के आर रामनाथन पदक से नवाजा गया था।

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