भाजपा झूठे वादे करने और बातें बनाने में नहीं, बल्कि काम करने में रखती है विश्वास : त्रिलोक जमवाल

बिलासपुर सदर से भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक जमवाल ने कहा कि भाजपा झूठे वादे करने और बातें बनाने में नहीं, बल्कि काम करने में विश्वास रखती है। पिछले 5 वर्षों में बिलासपुर को मिले लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट इसका प्रमाण हैं। इसके विपरीत कांग्रेस सत्ता हासिल करने के लिए झूठे वादों और खोखली घोषणाओं के साथ ही घटिया हथकंडों से लोगों को गुमराह करने के प्रयास करती रहती है। सदर की प्रबुद्ध जनता इस बात को बखूबी जानती और समझती है। उन्हें पूरा विश्वास है कि बिलासपुर के विकास का सिलसिला जारी रखने के लिए लोग इस बार भी खुले दिल से भाजपा का साथ देंगे। शुक्रवार को त्रिलोक जमवाल ने सदर विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में लोगों से डोर-टू-डोर संपर्क साधा। उन्होंने कहा कि बिलासपुर सदर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कर्मभूमि है। पहले इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए और बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तथा पार्टी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बिलासपुर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। वादे या घोषणाएं करने के बजाए वह चुपचाप अपने काम में जुटे रहे। यही वजह रही कि जनता की मांग के बिना ही उन्होंने बिलासपुर को एम्स व हाइड्रो काॅलेज जैसे तोहफे दिलवाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद व सहयोग से उन्होंने फोरलेन और रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के कार्यों में भी तेजी लाई। इसी कड़ी में उन्होंने गोविंद सागर में डूबे ऐतिहासिक मंदिरों की पुनस्र्थापना के लिए 1400 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी मंजूर करवाया है।
कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए जमवाल ने कहा कि 2007 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बगैर बजट के ही बैरीदड़ोलां पुल का शिलान्यास कर दिया। 2012 से 2017 तक कांग्रेस फिर से सत्ता में रही, लेकिन इस पुल के निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगी। इसी तरह यदि कांग्रेस को आऊटसोर्स कर्मचारियों की चिंता होती तो वह 2012 से 2017 तक सत्ता में रहते हुए उन्हें नियमित कर देती, लेकिन उसे चुनावी बेला में ही इन सभी बातों की याद आई है। कांग्रेस ने गुंडागर्दी व माफिया राज से बिलासपुर के विनाश में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। चिट्टा जैसी खतरनाक बीमारी कांग्रेस प्रत्याशी की ही देन है। चुनाव में हार निश्चित देख उन पर बौखलाहट इतनी हावी हो गई है कि उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करवा दिया और बाद में ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ की तर्ज पर वह इसके लिए भाजपा को ही दोषी ठहराने लगे। चुनावी बेला में उनके ऐसे हथकंडों को बिलासपुर की जनता अच्छी तरह पहचानती है।
उधर, शुक्रवार को समाजसेवी हरीश नड्डा ने बिलासपुर अस्पताल में उपचाराधीन भाजपा के घायल कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने कहा कि गत वीरवार शाम हुई इस घटना के कई वीडियो देखने को मिले हैं। उनसे साफ जाहिर हो रहा है कि पहल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से हुई। मारपीट में भाजपा के 4 कार्यकर्ता घायल हो गए। यदि कांग्रेस प्रत्याशी के बेटे को चोट आई होती तो चक्का जाम या प्रदर्शन करने के बजाए उन्हें उसकी देखभाल की चिंता होगी। काॅलेज में छात्र राजनीति से लेकर आज तक चुनाव के समय सहानुभूति बटोरने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना कांग्रेस प्रत्याशी की आदत रही है, लेकिन अब उनकी दाल नहीं गलेगी।

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