बिलासपुर मेें विकास की गंगा के भाजपा के चुनावी मुद्दे ने कांग्रेस में भगदड़ मचाई

बिलासपुर में पिछले 5 वर्षों में बही विकास की गंगा के भाजपा के चुनावी मुद्दे ने कांग्रेस में भगदड़ मचा दी है। एम्स, हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज, फोरलेन और रेलवे लाइन जैसे विकास कार्यों से प्रभावित होकर अन्य लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थित जनप्रतिनिधि भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं। रही-सही कसर कांग्रेस प्रत्याशी पर लग रहे गुंडागर्दी, माफियाराज और भ्रष्टाचार और जैसे गंभीर आरोप पूरी कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस की ही एक युवा नेत्री ने पूर्व विधायक के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। भाजपा बिलासपुर के चहंुमुखी विकास के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी पर लगे आरोपों को भी हथियार बनाकर जनता के बीच जा रही है।
केंद्र व प्रदेश में डबल इंजन सरकार की बदौलत बिलासपुर में हुआ रिकाॅर्ड विकास भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा है। बिलासपुर सदर से भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक जमवाल, पूर्व सांसद सुरेश चंदेल तथा पार्टी के जिला अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान समेत सभी नेता जनसंपर्क अभियान के दौरान यह सभी कार्य प्रमुखता से गिना रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस केवल अपने स्वार्थाें की पूर्ति की मंशा से सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही है। इसके विपरीत राजनीति को जनसेवा का माध्यम समझने वाली भाजपा के लिए हमेशा हर क्षेत्र का विकास और जनसमस्याओं का समाधान सर्वोपरि रहा है। वे लोगों को यह बात भी प्रभावी ढंग से समझा रहे हैं कि बिलासपुरके सभी प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रयासों से सिरे चढ़ पाए हैं। भाजपा के विकास का यह मुद्दा कांग्रेस पर भारी साबित होता नजर आ रहा है। डबल इंजन सरकार की बदौलत हुए विकास कार्यों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस प्रत्याशी पर उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गंुडागर्दी, भ्रष्टाचार, माफियाराज व नशा माफिया को संरक्षण जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी की इस तरह की छवि से आहत होकर जिला परिषद सदस्य सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी बेलीराम टैगोर भी दल-बल सहित कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसी तरह लद्दा पंचायत में प्रधान को छोड़कर पूरी पंचायत भगवा रंग में रंग गई है। ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस की एक युवा नेत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल आॅडियो का हवाला देते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीड़िता का कहना है कि पूर्व विधायक ने उनके बारे में आपत्तिजनक बातें कही हैं, जिससे उनकी छवि को ठेस पहंुची है। पीड़िता की शिकायत का संज्ञान लेते हुए दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने संबंधित थाना के एसएचओ को 16 नवंबर को एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) के साथ तलब किया है। अपनी पार्टी के प्रत्याशी का यह चरित्र भी कांग्रेस से जुड़े लोगों के लिए पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण बन रहा है। दूसरी बार द्रोबड़ पंचायत की प्रधान बनी निशा देवी, पंजगाईं पंचायत प्रधान सुनील धीमान तथा जिला कांग्रेस महासचिव बलदेव ठाकुर के साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नैहर से बाबूराम, ज्ञानचंद, बलिराम, शंकरराम व रामलाल, द्रोबड़ से रूपलाल, मनसाराम, रोशनलाल, जुरासी से सुखराम, सोलग से निक्कूराम, नेरी-सलनू से संजय, प्रकाश व सौली देवी भी भाजपा में शामिल हुए हैं।

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