बिलासपुर के संस्कृति भवन में चल रही नाट्य कार्यशाला बच्चों को रंगमंच से जुड़े विभिन्न विषयों के बारे में दी जा रही जानकारी
सुमन डोगरा
बिलासपुर
भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर के संस्कृति भवन में चल रही नाट्य कार्यशाला में बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस 12 दिवसीय नाट्य कार्यशाला में बच्चों को जहां रंगमंच से जुड़े विभिन्न विषयों के बारे में बताया जा रहा है, वहीं एक नाटक की तैयारी भी करवाई जा रही है। जिसका निर्देशन अभिषेक डोगरा कर रहे हैं। जबकि, रंगकर्मी पारुल चौहान सहयोगी के रूप में कार्य कर रही हैं।
वहीं, वरिष्ठ साहित्यकार और रंगकर्मी सुशील पुंडीर कार्यशाला में विशेष रूप से उपस्थित हुए और उन्होंने बच्चों द्वारा किए जा रहे नाटक में अभिनय को निखारने को लेकर भी टिप्स दिए।साथ ही उन्होंने बच्चों के साथ अपने अनुभव सांझा किए और वरिष्ठ रंगकर्मी स्वर्गीय रामलाल पुंडीर जी को भी याद किया।
उन्होंने बच्चों को बताया कि अपनी मन की भावना को व्यक्त करना ही अभिनय है और रंगमंच से संस्कार भी आते हैं। उन्होंने बच्चों को संस्कारों के बारे में भी बताया और कहा कि इस तरह की कार्यशाला हमारे समय में नहीं होती थी। पहले और आज के समय में बहुत फर्क है। आज बच्चों को माता पिता का पूरा सहयोग मिल रहा है। पहले ऐसा नहीं होता था। सभी बच्चों को माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।
जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने बताया कि इस कार्यशाला में रंगकर्मी अभिषेक डोगरा, नवीन सोनी व अभिषेक सोनी द्वारा बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। अभिनय के बारे में बताने के साथ-साथ एक नाटक भी तैयार करवाया जा रहा है। जिसमें सभी बच्चे अभिनय कर रहे हैं। इस नाटक का मंचन कार्यशाला के अंतिम दिन होगा।