बिलासपुर के ऐतिहासिक भंजवाणी पुल के लिए सीआईआरएफ के तहत 103 करोड मंजूर
सुमन डोगरा
बिलासपुर
बिलासपुर के ऐतिहासिक एवं सदर बिलासपुर , घुमारवीं व झंडूता विस क्षेत्र को आपस में जोडने वाले भंजवाणी पुल निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा सीआईआरएफ के तहत 103.31 करोड रुपए की धनराशि मंजूर हुई है।जिससे अब इस पुल के निर्माण की उम्मीद फिर से जगी है। इस पुल के निमार्ण से जहां सदर बिलासपुर , घुमारवीं व झंडूता विस क्षेत्र को आपस में जुडेंगे । वहीं इससे इन क्षेत्रों के विकास की नई संभावनाएं भी उभरेगी। बल्कि आने वाले वर्षो में बदलाव भी आएगा। इस पुल का निर्माण कार्य चाह के भीतर शुरू हो जाएगा। यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि उन्होंने इस पुल से जुडे मुददे को भाजपा राष्टरीय अध्यक्ष जेपी नडडा व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के समक्ष प्रमुखता से उठाया था। क्योंकि पिछले काफी समय से भंजवाणी पुल की मांग विभिन्न सामाजिक संगठनों द्धारा उठाई जा रही थी। इस पुल के निर्मित हो जाने से तीनों विस क्षेत्रों की लगभग दो लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। वही यह पुल कंदरौर पुल के भार को भी कम करेगा। क्योकि कंदरौर पुल भी 57 वर्ष पुराना हो चुका है। जिस कारण आने वाले समय में भंजवाणी पुल को विकल्प के तौर भी प्रयोग किया जा सकेगा। वहीं यह पुल नेरचौक कीरतपुर फोरलेन से भी जुडेगा। गौरतलब है कि वर्ष 1960 से पहले सतलुज नदी पर तरेड गांव के पास व सामने स्थित ग्राम पंचायत औहर के भंजवाणी के कस्बे के पास राजाओं द्धारा आर पार जाने के लिए लकडी का बडा पुल डाला गया। जिस पर बसें व अन्य वाहन भी गुजरते थे। लेकिन 1960 के दशक में सतलुज नदी पर गोविंद सागर झील बन जाने से यह पुल जलमग्न हो गया था। बताया जाता है कि वर्ष 24 फरवरी 1948 को पंजाब सरकार व बिलासपुर के राजा के बीच पुल बनाने को लेकर एक सहमति भी हुई थी। गर्ग ने बताया कि यह पुल 301 मीटर लंबा होगा । जिस पर 43 – 43 मीटर के सात स्पैन बनेंगे। उन्होंने इस पुल की धन राशि मंजूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा, भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के प्रति आभार जताया है।