प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण सम्पन्न
■ जैविक खेती से मृदा की उर्वरता व फ़सल की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होता है- प्रतिनिधि…
■ जैविक खाद का प्रयोग करने से भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ने के साथ-साथ तथा पानी का वाष्पीकरण कम होता है
बोकारो,आरएनएन। आत्मा बोकारो के द्वारा दिनांक 04 जुलाई, 2022 एंव 05 जुलाई, 2022 को प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर से ऑनलाइन लिंक के माध्यम से बोकारो जिले के सभी प्रखंडो के मुखिया के साथ किया गया, जिसमें सभी ग्राम प्रधानों को जैविक खेती को लेकर ज़ोर देने को कहा गया। वहीं प्रोजेक्टर के माध्यम से खेती करने की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोकारो जिले के सभी नवनिर्वाचित मुखिया ने भाग लिया।
■ जैविक खेती से मृदा की उर्वरता व फ़सल की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होता है-
कार्यक्रम में हैदराबाद से आये प्रतिनिधि रवि सिंह चौधरी, डॉ0 दीपक पांडेय, जुबा एंव शंकर महतो ने उपस्थित मुखियाओं को जानकारी देते हुए कहा कि जैविक खेती की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती हैं। साथ ही कहा कि,जैविक खेती मृदा की उर्वरता व फ़सल की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि,वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती की विधि और भी अधिक लाभदायक है। रासायनिक खाद का प्रयोग बिल्कुल न करें। अगर खाद का प्रयोग करना ही है तो जैविक खाद का प्रयोग करें। इससे भूमि की गुणवंता में सुधार आता है। साथ ही भूमि की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है तथा पानी का वाष्पीकरण कम होता है। इसके अलावा भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती हैं।
इस कार्यक्रम के संचालक राजन मिश्रा (उप परियोजना निदेशक,आत्मा, बोकारो) द्वारा बताया गया कि,अगले चरण में यह विभाग कि मदद से सभी प्रखंडो में ऑफ लाइन जानकारी दिया जायगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक, आत्मा, बोकारो उमेश तिर्की एंव सभी प्रखंडों के BTM/ATM एंव जिले के सभी मुखियाओं ने भाग लिया।