प्रदेश में नई सरकार लाएगी चंदन की महक, पॉलिसी को रूप देने में जुटा वन विभाग

छह महीने से चंदन पॉलिसी को रूप देने में जुटा वन विभाग, मंजूरी के बाद शुरू होगा नया सफर
नई सरकार के गठन के साथ उम्मीदें उन नीतियों पर अमल की भी हैं, जिन पर बीते छह माह से ज्यादा वक्त से काम चल रहा है। इन नीतियों से जुड़ी फाइलें अंदरखाते निपटाई जा रही थीं। विशेषज्ञ शोध में जुटे थे और राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार भी चल रहा था। इस बीच आदर्श आचार संहिता की वजह से मौजूदा सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई। यहां बात हिमाचल में चंदन की खेती पर हो रही है। इसका प्रारूप वन विभाग तैयार कर चुका है। उच्चतम गुणवत्ता वाले चंदन की पैदावार और इसे बाजार मुहैया करवाने की तैयारी के बाद मंजूरी का इंतजार हो रहा था। अब नई सरकार के कार्यभार संभालते ही चंदन की खेती का भविष्य भी तय होगा। बीते करीब छह माह से चंदन की खेती पर विभागीय शोध चल रहा है। तमाम रिपोर्ट वन विभाग जुटा चुका है। दक्षिण भारत की उच्च गुणवत्ता वाला चंदन हिमाचल में सफल होगा या नहीं, वैज्ञानिक इस शोध में जुटे हैं। प्रदेश सरकार मौजूदा सत्र में ही इसे लागू करने के प्रयास में थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता की वजह से चंदन की खेती की पॉलिसी को मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिल पाई।
अब दिसंबर के बाद नई सरकार का गठन होते ही प्रदेश में इसे नीतिगत बनाने के प्रारूप पर आगामी कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल अब तक चंदन की खेती को लेकर वन विभाग की तरफ से बड़े पैमाने पर उन जगहों की भी जांच की गई है, जिनमें चंदन उगाया जा सकता है। इस समय हिमाचल के कांगड़ा समेत अन्य जिला में बेहद सीमित क्षेत्र में चंदन की खेती की जा रही है, लेकिन अभी तक हिमाचल में उगने वाले चंदन के पेड़ों का बड़े पैमाने पर अध्ययन नहीं हुआ है।

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