प्रदेश में खाद्य आपूर्ति विभाग बना घोटालों का विभाग : राजेश धर्माणी

सुमन डोगरा
बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश में खाद्य आपूर्ति विभाग घोटालों का विभाग बनकर रह गया है और खाद्य आपूर्ति मंत्री इसमें शामिल हैं। यही कारण है कि इस बार सरसों का तेल और रिफाइंड उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाया है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार और मोदी सरकार के बारे में डबल इंजन की सरकार कहकर प्रचार किया जा रहा है लेकिन यह डबल इंजन की सरकार आम जनता को किस प्रकार तंग करने में लगी है इसका उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि जीएसटी के बढ़ाने से आम उपभोक्ता प्रयोग की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं। जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त थी अब और ज्यादा परेशान हो गई है। उन्होंने कहा कि सोया तेल की खरीद के इस खेल में प्रदेश की जनता के हितों को दरकिनार करते हुए हिमाचल प्रदेश खाद्य मंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके आम नागरिक के हितों पर कुठाराघात किया है। धर्माणी ने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के तेल के इस खेल का खुलासा हो चुका है जिसके कारण प्रदेश की जनता को डिपुओं में खाने का तेल नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की सत्ता के गलियारों में दलाल माफिया का डेरा है और सरकार पूरी तरह दलाल माफिया से घिर कर उनके दबाव-प्रभाव में काम कर रही है। धर्माणी ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिब्बाबंद या लेबल लगे (फ्रोजन गुड्स के अलावे) दही, लस्सी, पनीर, शहद, मछली, सूखा सोयाबीन, सूखा मखाना और मटर जैसे उत्पादों, गेहूं व अन्य अनाज के अलावे मूढ़ी या मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था। अब तक इन चीजों पर लगने वाली जीएसटी में छूट मिलती थी। उसी तरह विभिन्न पेय पदार्थों के टेट्रा पैक और बैंकों की तरफ से जारी किए जाने वाले चेकबुक पर भी सेवा बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, एटलस, नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में वर्तमान सरकार ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। निश्चित रूप से आम जनता परेशान है और इस बात का इंतजार कर रही है कि कब विधानसभा चुनाव हो और इस जनविरोधी सरकार को चलता किया जा सके और प्रदेश में कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार का गठन हो सके।

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