पंचायती राज मंत्री कर रहे घोटाले सरकार बेखबर : राम लाल ठाकुर

सुमन डोगरा
बिलासपुर
बिलासपुर के परिधि गृह में श्री नयना देवी जी के विधायक, हिमाचल प्रदेश
चुनाव प्रबंधन कमेटी के चेयरमैन तथा पूर्व मंत्री ठाकुर राम लाल ने बुधवार को पंचायती राज एवं मत्स्य, पशु पालन मंत्री विरेंद्र कंवर को घेरा तथा उनकी कार्यशैली को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए ऐसे ताबड़तोड़ हमले किए कि उनकी तुलना बिहार राज्य के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव से कर डाली। रोचक बात यह है कि यह पत्रकारवार्ता उन्होंने उसी छत के नीचे की जहां पर स्वयं मंत्री विरेंद्र कंवर करीब बीस मीटर की दूरी पर भाजपा की बैठक में मशगूल थे। आरोपों की झड़ी लगाते हुए विधायक राम लाल ठाकुर ने कहा कि सरकार में पंचायती राज के साथ इन मंत्री के पास दिए गए विभाग भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु बन गए हैं चूंकि पूछने वाला कोई नहीं है लिहाजा इस भ्रष्टाचार की जांच होना स्वाभाविक है। राम लाल ठाकुर।ने कहा कि इस निक्कमी सरकार के हर विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल की है,।क्योंकि सरकार के पास भी इनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं है। पांच सालों के एशोआराम का समय अब समाप्त हो रहा है, तो छटपटाहट का बढ़ना लाजमी है। पंचायती राज विभाग के कर्मचारी अपना काम काज छोड़ कर अनशन पर बैठे हैं जिससे तमाम कार्य बाधित हो रहे हैं जनता की परेशानियों का सरकार को कोइ सरोकार नहीं है। जनता के छोटे छोटे काम तक नहीं हो पा रहे हैं, दर-दर की ठोकरें खा रहे लोग सरकार को गालियां दे रहे हैं। सरकार स्पष्ट करें कि उन्होेंने पंचायती राज कर्मचारियों का गला आखिर क्यों घोंट रखा है। राम लाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि पशु पालन विभाग में जबरदस्त घोटाला हुआ है,
बेजुवान पशुओं के टैगिंग को भी साइंटिफिक तरीके से नहीं किया गया है।
इसके लिए जो सामग्री खरीदी गई थी, उसका आधा हिस्सा ही गायब कर दिया गया है। यह प्रदेश में बहुत बड़ा घोटाला है, इसकी जांच होनी चाहिए। गउसदन के
लिए शराब की दुकानों से तय नियमों के अनुसार प्रति बोतल दारू 2 रूपए खर्च
होना है, लेकिन इसका भी कोई हिसाब किताब मंत्री महोदय के पास नहीं है।
पूरे प्रदेश में इस घोटाले का आकार बहुत विशाल है, मुख्यमंत्री को चाहिए
कि वे इस बारे में किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच करवाएं, दूध का दूध
पानी का पानी हो जाएगा। विधायक राम लाल ठाकुर ने कहा कि मत्स्य विभाग भी
भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। गोविंद सागर जलाश्य में लाखों करोड़ों
रूपयों का मछली का बीज डाला गया है लेकिन मछली उत्पादन में निरंतर कमी आ रही है। हैरानी की बात तो यह है कि हिमाचल के लिए मछली बाहरी राज्यों से
आयात करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस जलाश्य पर 39 मछली सहकारी सभाएं हैं जिससे हजारों मछुआरों के परिवार का लालन पोषण होता है। सूखे के समय यदि इन परिवारों को आर्थिक मदद की जाती है तो भाजपा सरकार इस वर्ग पर कोई अहसान नहीं करती है। बल्कि यह फिश फैडरेशन आफ इंडिया के मानकों द्वारा तय सहायता मछुआरों को दी जाती है। मत्स्य आखेट से लेकर बीज आदि के ठेके भी बाहरी लोगों को देकर सरकार ने बता दिया है कि वे स्थानीय लोगों के कितने हितैषी हैं। पत्रकारवार्ता में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रवक्ता संदीप सांख्यान और पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा भी मौजूद थे।

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