नौणी विवि के वैज्ञानिकों ने जनजातीय क्षेत्रों के किसानों को सब्जी उत्पादन पर किया जागरूक
डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सब्जी विज्ञान विभाग ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी द्वारा स्वीकृत परियोजना के तहत हाल ही में हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन पर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया।
यह परियोजना पिछले दस वर्षों से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय किसानों के बीच सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्वीकृत की गयी है। इस परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, लाहौल-स्पिति व चंबा जिला में शिविर आयोजित किये जाते हैं। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को सब्जी उत्पादन हेतु तथा सब्जियों के लाभ व स्वस्थ में उपयोगिता के बारे में किसानों को जागरुक करना है। इस परियोजना के तहत आजतक 23 प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा चुका है तथा लगभग 1250 किसानों व बागवानों को सब्जी उत्पादन व उसके महत्व और इससे अपनी आय में वृद्धि करने के जागरूक किया जा चुका है।
इस वित्त वर्ष में इस परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के लाहौल-व-स्पीति में तीन प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। यह शिविर स्पीति के लोसर, ताबो व माने में हाल ही में आयोजित किये गये जिसमें 200 से अधिक किसानों को सब्जी उत्पादन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत करवाया गया। इस परियोजना में कार्यरत प्रधान वैज्ञानिक डॉ रमेश भारद्वाज ने इस परियोजना के बारे में जनजातीय क्षेत्रों के किसानों को अवगत करवाया तथा सब्जियों के स्वस्थ बीज और स्वस्थ पौध तैयार करना तथा बीज उत्पादन के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी। डॉ कुलदीप सिंह ठाकुर ने किसानों को जैविक खेती खासकर जैविक खादों को तैयार करना व समय-समय पर उसका सब्जियों में इस्तेमाल करने के बारे में किसानों को बताया। डॉ संदीप कंसल ने सब्जियों में लगने वाले विभिन्न रोगों, कीटों व विकारों के प्रबंधन व रोकथाम हेतु अपने विचास्पीतिर साझा किये। इस आयोजन में कृषि विज्ञान केन्द्र ताबो के वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया। इस केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुधीर वर्मा तथा डॉ निधीश गौतम ने विभिन्न गतिविधियों के बारे में किसानों को अवगत करवाया तथा आगामी शिविरों के बारे में भी किसानों को सूचित किया।