चाइल्ड लाइन ने परिजनों को सौंपा बाल मजदूर
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित नाहन के मुख्य बाजार में रविवार को चाइल्ड लाइन की टीम ने दुकान, ढाबा, स्वीट्स शॉप आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को दुकान में काम करता हुआ एक बच्चा मिला। वही टीम ने बच्चे को अपने संरक्षण में लेकर परिवार को सूचित किया। जिसके बाद बच्चे को उसके भाई के सुपुर्द कर दिया। साथ ही दुकानदार को भविष्य में दुकान पर बच्चे से काम न कराने की हिदायत दी।
चाइल्ड लाइन टीम की काउंसलर अंजना व सदस्य रामलाल द्वारा श्रम निरीक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई के आउटरीच कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम को दुकान में कार्य करता हुआ बच्चा मिला। बच्चे से पूछताछ की गई, उसने बताया कि वह लगभग 12 दिन से दुकान पर काम कर रहा है।
इसके बाद टीम ने दुकान मालिक से बातचीत की और उन्हें चाइल्ड लेबर एक्ट के बारे में बताया। दुकानदार ने बताया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद टीम द्वारा बच्चे को दुकानदार से 12 दिन का महनताना 42 सौ रुपए दिलाया गया। इसके बाद बच्चे को उसके भाई को सौंपा गया।
चाइल्ड लाइन की टीम ने बताया कि कहीं पर भी कोई छोटे बच्चे से काम कराता है तो 50 हजार रुपए जुर्माना व 1 साल की जेल हो सकती हैं। 15 साल से अधिक के बच्चों को काम पर रख सकते हैं। मगर उनसे 6 घंटे से अधिक काम नहीं करा सकते। आपको उन्हें 6 घंटों में से 2 घंटे का रेस्ट भी देना पड़ेगा। उसकी सैलरी सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार होनी चाहिए। बच्चे की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित नाहन के मुख्य बाजार में रविवार को चाइल्ड लाइन की टीम ने दुकान, ढाबा, स्वीट्स शॉप आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को दुकान में काम करता हुआ एक बच्चा मिला। वही टीम ने बच्चे को अपने संरक्षण में लेकर परिवार को सूचित किया। जिसके बाद बच्चे को उसके भाई के सुपुर्द कर दिया। साथ ही दुकानदार को भविष्य में दुकान पर बच्चे से काम न कराने की हिदायत दी।
चाइल्ड लाइन टीम की काउंसलर अंजना व सदस्य रामलाल द्वारा श्रम निरीक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई के आउटरीच कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम को दुकान में कार्य करता हुआ बच्चा मिला। बच्चे से पूछताछ की गई, उसने बताया कि वह लगभग 12 दिन से दुकान पर काम कर रहा है।
इसके बाद टीम ने दुकान मालिक से बातचीत की और उन्हें चाइल्ड लेबर एक्ट के बारे में बताया। दुकानदार ने बताया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद टीम द्वारा बच्चे को दुकानदार से 12 दिन का महनताना 42 सौ रुपए दिलाया गया। इसके बाद बच्चे को उसके भाई को सौंपा गया।
चाइल्ड लाइन की टीम ने बताया कि कहीं पर भी कोई छोटे बच्चे से काम कराता है तो 50 हजार रुपए जुर्माना व 1 साल की जेल हो सकती हैं। 15 साल से अधिक के बच्चों को काम पर रख सकते हैं। मगर उनसे 6 घंटे से अधिक काम नहीं करा सकते। आपको उन्हें 6 घंटों में से 2 घंटे का रेस्ट भी देना पड़ेगा। उसकी सैलरी सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार होनी चाहिए। बच्चे की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए।