घटोरा झील प्रवासी पक्षियों के लिए बना नया ठिकाना: ज्ञानचंद्र

बिहपुर में प्रवासी पक्षियों ने बनाया अपना आशियाना

भागलपुर, आरएनएन- जिले के बिहपुर में प्रवासी पक्षियों ने अपना नया बसेरा बनाया है। प्रखंड के गौरीपुर गांव के पास घटोरा झील में स्थानीय पक्षियों के अलावा काफी संख्या में प्रवासी पक्षियों को देखा जा सकता है। इसको लेकर रविवार को पक्षी विशेषज्ञों और पक्षी प्रेमियों की टीम ने घटोरा झील पहुंचकर वहां की स्थिति का जायजा लिया।

इस सन्दर्भ में पक्षी विशेषज्ञ राहुल रोहितस्व ने बताया कि भागलपुर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में काफी संख्या में प्रवासी पक्षियों का मिलना एक सुखद संदेश है। साथ ही घटोरा झील में स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों की भारी संख्या और विविधता मिलने से ना सिर्फ पक्षी प्रेमी बल्कि स्थानीय लोग भी उत्साहित है। पक्षी विशेषज्ञ ज्ञानचंद्र ज्ञानी ने बताया कि नवगछिया के जगतपुर, दिमाहा, गंगा प्रसाद झील के बाद अब घटोरा झील पक्षियों के लिए बेहतर जगह बनता जा रहा है। यहां पक्षियों को पर्याप्त भोजन तथा सुरक्षा मिल जाती है। इस झील में काफी संख्या में प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं।

आज पक्षी प्रेमियों के दल ने कई प्रवासी व गैर प्रवासी पक्षियों का अध्ययन किया। जिनमें प्रवासी बत्तखों में गडवाल डक, ग्रीन विंग टील डक, लेसर व्हिस्टलिंग डक आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा अन्य प्रवासी पक्षियों में कॉमन रेड शेंक, कॉमन ग्रीन शेंक, स्पॉटेड रेडशेंक, साइबेरियन स्टोनचैट, वाइट टैल्ड स्टोनचैट, ब्लैथ पीपीट, कॉमन सैंडपाइपर, ग्रीन सैंडपाइपर, वुड सैंडपाइपर, लिटिल स्टिंट,ओस्प्रे, टैगा फ्लाईकैचर, सिट्रिन वैगटेल, वाइट वैगटेल, पलास गल, वेस्टर्न येलो वैगटेल, रोजी पीपीट आदि पक्षी भी काफी संख्या में दिखे। दूसरी ओर स्थानीय पक्षियों में क्लामोरोस रीड वर्बलर, जिटिंग सिस्टिकोला, बंगाल बुशलार्क, प्लेन प्रिनिआ, पाइड किंगिफशर, यूराशियाई हुपु, पर्पल हेरोन, ग्रे हेरोन, ग्रेट एग्रेट, रेड नेप्ड आईबिस, वाइट आईबिस, ग्रेट कोरमोरेंट, लिटिल कोरमोरेंट, लेसर एडजूटेंट स्टॉर्क, एशियन ओपन बिल्ड स्टॉर्क, एशियाई ऊली नेकेड स्टॉर्क, वाइट बरेस्टेड वाटरहेन, ब्लैक ड्रोनगो, चेस्टनट टैल्ड स्टॉर्लिंग इत्यादि पक्षी भी काफी संख्या में दिखे।

दल के सदस्य दीपक कुमार झूंन्नू सह एशियाई जल पक्षी गणना के समन्वयक ने बताया कि घटोरा झील पर्यटन स्थल के लिए बेहतर है तथा इसको बचाने के लिए समुचित प्रयास करना होगा। वहीँ दूसरी ओर गौरीपुर पंचायत के मुखिया श्री लाली सिंह जी पक्षियों के आगमन से काफी प्रसन्न थे तथा उन्होंने बताया कि यह पक्षी हमारे धरोहर हैं और इन्हें यहाँ किसी भी तरह का कोई भी नुकसान नहीं होने देंगे।

साथ ही साथ उन्होंने घटोरा झील के संरक्षण में भी अपना संपूर्ण योगदान देने कि बात कही तथा उन्होंने पक्षी प्रेमियों को बराबर आने का आग्रह किया तथा यहां अध्ययन करने का भी न्योता दिया। ज्ञानचंद्र ज्ञानी ने बताया कि ये प्रवासी पक्षी रूस, अलास्का, मंगोलिया, तिब्बत, सेंट्रल एशिया जैसे ठंडे देशों से यहां आकर विभिन्न हिस्सों में प्रवास करते हैं और तीन-चार महीनों तक यहां रहकर पुन: मार्च के अंत में अपने देश लौटने लगते हैं। राहुलराहुल रोहितस्व ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया है कि वे झील के संरक्षण में अपना संपूर्ण योगदान दें तथा इन पक्षियों को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचाएं। इस दल में राहुल रोहिताशव, ज्ञान चंद्र ज्ञानी, दीपक कुमार झून्नू, बर्ड गाइड प्रीतम प्रियांशु, रिसर्च स्कॉलर जय कुमार जय, कुमार शानू, बर्ड गाइड चन्दन, दिव्यांशु आदि शामिल थे।

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