गहरी खाई में पलटी स्कूली बच्चों की बस

 

ऊना

जिला ऊना मुख्यालय के नजदीकी गांव लमलैहड़ी में पेश आए दर्दनाक सड़क हादसे में स्कूली बच्चों की एक बस गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में घायल करीब 9 बच्चों को अस्पताल लाया गया। जिनमें से एक छात्रा को नाजुक हालत के चलते पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, डीसी राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर तमाम अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों समेत लोग तुरंत अस्पताल पहुंचे जहां पर घायल बच्चों का कुशल क्षेम पूछा और उसके बाद प्रशासनिक और पुलिस टीम मौके का मुआयना करने के लिए दुर्घटना स्थल भी पहुंची। जबकि दूसरी तरफ हादसे के बाद अस्पताल में माहौल चीखो पुकार भरा रहा जहां एक तरफ हादसे में घायल हुए बच्चों की चीखें हर किसी का दिल पसीज रही थी। वहीं दूसरी तरफ बच्चों के अभिभावकों की भी हालत दयनीय हो चुकी थी। स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम बच्चों के उपचार में जुट गई कई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के कई कर्मचारियों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए बच्चों का उपचार शुरू कर दिया।

ऊना के लमलैहड़ी में बच्चों से भरी एक निजी स्कूल की बस पलट गई। हादसे के दौरान बस में करीब एक दर्जन से अधिक बच्चें सवार थे। जिसमें से करीब चार बच्चों को अधिक चोटें पहुंची है, जिन्हें उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में भर्ती करवाया गया है। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही बच्चों के अभिभावकों में भगदड़ मच गई। घायल बच्चों के परिजन बदहवास हालत में अस्पताल की तरफ भागे नजर आए। कुछ अभिभावक अपने बच्चों को देखने के लिए मौके पर पहुंच गए, तो कई रोते बिलखेते हुए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना की ओर भागे। बता दें कि दो दिन पहले भी इसी निजी स्कूल की एक बच्चों से भरी वैन रामपुर में सड़क किनारे हादसे का शिकार हो गई थी, जिसमें एक बच्चे को चोटें पहुंची थी। वहीं हादसे की सूचना मिलने के बाद जहां स्कूल प्रशासन मौके पर पहुंच गया, वहीं पुलिस ने भी घटनास्थल पर पहुंच जांच पड़ताल तेज कर दी है। डीसी राघव शर्मा ने बताया कि इस हादसे में करीब एक दर्जन बच्चे घायल हुए हैं जिनमें से एक बच्ची को नाजुक हालत में पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। निष्पक्ष जांच करते हुए मामले में कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं दूसरी तरफ से स्कूली बसों की फिटनेस को लेकर भी एक बार फिर अभियान चलाया जाएगा ताकि किसी भी संस्थान का परिवहन सिस्टम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ न कर सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button