कई प्रजातियों के करीब 15 हजार पक्षी, वन्य प्राणी विभाग ने सुरक्षा के लिए तैनात की 15 टीमें

हिमाचल प्रदेश के पौंग डैम पर या महाराणा प्रताप सागर झील में विदेशी पक्षियों ने दस्तक दे दी है। महाराणा प्रताप सागर झील में कई प्रजातियों के 15 हजार प्रवासी पक्षी पहुंचने लगे हैं।यह मेहमान परिंदे मध्य एशिया, साइबेरिया, चीन मंगोलिया आदि ठंडे देशों से यहां आते हैं और जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। अगले माह तक यह संख्या लाखों में पहुंच जाएगी। मार्च महीने तक यह विदेशी मेहमान वापस लौट जाएंगे।
विदेशी परिंदों की सुरक्षा के लिए 15 वन्य टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा करेंगी और उनके अवैध रूप से होने वाले शिकार पर रोक लगाएंगी। 5 महीने यह पक्षी खूब रौनक लगाते हैं।
इन पक्षियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। पक्षियों की अठखेलियां देखकर पर्यटक काफी आनंदित होते हैं। सबसे अधिक बार हैडेड गूज नामक प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जबकि अन्य सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी भी यहां देखने को मिलते हैं।
प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से 3 प्रकार के पक्षी पौंग झील में आते हैं। जैसे यूरेशियन कूट, ग्रेलैग गूज़, उत्तरी सींखपर, छोटी मुर्गाबी इत्यादि बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं। सबसे ऊंचे उड़ने वाले पक्षी बार-हैडेड गूज़ सबसे अधिक तादाद में आते हैं।