ओ पी एस नहीं अपितु न्यू पेंशन स्कीम की खामियां दूर करेगी सरकार

जगदीप कुमार

पांवटा साहिब

हिमाचल प्रदेश सरकार की मंशा है कि ओपीएस लागू करने के बजाय न्यू पेंशन स्कीम की खामियां दूर की जाएं. यही कारण है कि सरकार स्तर पर आंतरिक सलाहकार समूह का गठन किया हुआ है. हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम की खामियां दूर करने हेतु सरकार आंतरिक सलाहकार समूह का गठन करेगी. मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी इस समूह के अध्यक्ष होंगे. सदस्यों में संबंधित विभागों के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. उक्त समूह द्वारा हर तिमाही बैठक का आयोजन किया जाएगा और खामियों को दूर करने के लिए सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजेगा. यह निर्णय गत दिवस प्रदेश सचिवालय में न्यू पेंशन स्कीम समिति की बैठक में मुख्य सचिव आर डी धीमान की अध्यक्षता में लिया गया. हालांकि इससे पहले बैठक में कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए जोर देते रहे. मुख्य सचिव कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम की खामियां दूर करने के विश्वास पर जोर देते रहे. बैठक में यह मसला भी उठाया गया कि न्यू पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कर्मचारियों के हिस्से का धन मार्केट में कहां लगाया जा रहा है और इसका कितना ब्याज आ रहा है? यह भु तय किया गया कि भविष्य में समूह इसकी जानकारी साझा करता रहेगा. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि शीघ्र ही न्यू पेंशन समीति की दूसरे दौर की बैठक का आयोजन किया जाएगा. छूटे हुए एनपीएस कर्मियों को अन्य कर्मचारियों की भांति वर्ष 2003 से ग्रेच्युटी का लाभ दिया गया है. आय कर में भी कई छूट दी गई है. भविष्य में केन्द्र की ओर से जब भी कोई बदलाव होता है तो सरकार भी उसे तत्काल प्रभाव से लागू करेगी. एनपीएस कर्मियों के लिए सरकार 911 करोड़ रू. प्रतिवर्ष अंशदान देगी. इस बैठक में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रधान अश्विनी ठाकुर और महासचिव राजेश शर्मा शामिल रहे.

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