एसआई की कार के नीचे आईईडी लगाने वाला गिरफ्तार
अमृतसर पंजाब के अमृतसर में सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईइडी) लगाने वाले व्यक्ति सहित सात लोगों की गिरफ्तारी के साथ, पंजाब पुलिस ने सीमावर्ती राज्य में शांति भंग करने के लिए काम कर रहे आतंकवादी-गैंगस्टर सांठगांठ का एक और मामला उजागर किया है।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शनिवार को यहां बताया कि यह कनाडा के गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लांडा की करतूत निकली। उन्होने बताया कि 16 अगस्त, 2022 को दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने सी-ब्लॉक रंजीत एवेन्यू, अमृतसर के क्षेत्र में अपने आवास के बाहर खड़ी एसआई दिलबाग सिंह की एसयूवी बोलेरो के नीचे एक आईइडी लगाया था। स्थानीय पुलिस ने मौके से 2.79 किलोग्राम वजनी मोबाइल फोन ट्रिगर आईईडी और लगभग 2.17 किलोग्राम उच्च विस्फोटक सामग्री बरामद की।
श्री यादव ने बताया कि कार के नीचे पूर्वनिर्मित आईईडी लगाने वाले गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान तरनतारन के गांव पट्टी के दीपक (22) के रूप में हुई है, जबकि छह अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान रसद, तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले पंजाब पुलिस कांस्टेबल हरपाल सिंह और फतेहदीप सिंह दोनों तरनतारन के गांव सबरा के निवासी हैं; तरनतारन में हरिके के राजिंदर कुमार उर्फ बाउ; भिखीविंड निवासी खुशलबीर सिंह उर्फ चित्तू, वरिंदर सिंह उर्फ अबू व गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी, वरिंदर और गोपी, जो गोइंदवाल जेल में बंद थे और लांडा के करीबी सहयोगी हैं, ने निर्धारित स्थान से आईईडी निकालने के लिए खुशालबीर को जोड़ा था।
पुलिस ने दीपक द्वारा आईईडी लगाने के लिए इस्तेमाल की गई हीरो एचएफ-100 मोटरसाइकिल और आरोपी व्यक्तियों से पांच मोबाइल फोन के अलावा 2.52 लाख रुपये और 3614 अमरीकी डालर, यूरो 220, पाउंड 170 और पासपोर्ट फतेहदीप और हरपाल के कब्जे से बरामद किए हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस को मामले में पहला ब्रेक घटना के अगले ही दिन दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से हरपाल और फतेहदीप की गिरफ्तारी से मिला, जब दोनों मालदीव फरार होने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ में राजिंदर बाउ की संलिप्तता का पता चला, जो दूसरे कोविड -19 टीकाकरण प्रमाण पत्र के अभाव में भारत से भागने में विफल रहने के बाद शिरडी भाग गया था, उन्होंने कहा कि बाउ को एटीएस मुंबई की सहायता से 20 अगस्त 2022को गिरफ्तार किया गया था।
मामले में आगे की जांच ने दो जेल कैदियों वरिंदर और गुरप्रीत की भूमिका स्थापित की, जिन्होंने कनाडा स्थित आतंकवादी लखबीर लांडा के निर्देश पर, फतेहदीप के साथ आईईडी को पुनः प्राप्त करने और दीपक और उसके साथी को सौंपने के लिए खुशालबीर चित्तू की व्यवस्था की थी, जिन्होंने अंततः इसे एसआई के वाहन में लगाया था। उन्होंने कहा कि खुशालबीर को 21 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया गया था।
डीजीपी ने कहा कि खुशालबीर फतेहदीप के साथ लांडा द्वारा चिन्हित जगह से आईईडी लेने गए थे, जो उन्हें वीडियो चैट के जरिए लोकेशन तक पहुंचा रहा था। उन्होंने कहा, 16 तारीख की सुबह, लांडा के निर्देश पर, हरपाल, फतेहदीप और राजिंदर बाउ रंजीत एवेन्यू क्षेत्र में गए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आईईडी विस्फोट करने के लिए सब कुछ सही था, उन्होंने कहा, लांडा इनपुट प्राप्त करके पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहा था।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि दीपक, फतेहदीप, राजिंदर बाउ और हरपाल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और लांडा ने उन्हें विदेशों में विशेष रूप से कनाडा में अन्य देशों के माध्यम से अवैध रूप से बसाने के वादे के साथ आतंकी गतिविधियों को करने का लालच दिया था।
अमृतसर के पुलिस आयुक्त (सीपी) अरुण पाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने दीपक के साथी की भी पहचान कर ली है, जो आईईडी लगाने के लिए मोटरसाइकिल पर उसके साथ गया था, साथ ही मोटरसाइकिल के मालिक और मोटरसाइकिल की व्यवस्था करने वाले व्यक्ति की पहचान की है। उन्होंने कहा, पुलिस की टीमें शेष आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए तलाश कर रही हैं और जल्द ही वे सलाखों के पीछे होंगे।
इस बीच, कांस्टेबल हरपाल को आतंकवादी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। अमृतसर शहर के पुलिस स्टेशन रंजीत एवेन्यू में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला प्राथमिकी संख्या 152 दिनांक 16.08.2022 दर्ज किया गया था।
लखबीर लांडा (33), जो तरनतारन का मूल निवासी है और 2017 में कनाडा भाग गया था, ने मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) आतंकी हमले की भी साजिश रची थी। उसे पाकिस्तान स्थित वांछित गैंगस्टर हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा का करीबी सहयोगी माना जाता है, जिसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ हाथ मिलाया था।