ऊना में पंजाब पुलिस के दो अधिकारी व एक कर्मचारी गिरफ्तार नशा तस्करी का झूठा केस बनाने पर चल रहे थे फरार

ऊना। पंजाब के फिरोजपुर में दो व्यक्तियों के खिलाफ नशा तस्करी का झूठा केस बनाने और उन्हीं के पैसे को ड्रग मनी साबित करने के आरोप में नामजद और भगोड़े करार दिए गए पंजाब पुलिस के नारकोटिक्स विंग के दो अधिकारियों और एक कर्मचारी को पंजाब पुलिस ने ऊना पुलिस की मदद से ऊना शहर के ट्रैफिक लाइट चौक में धर दबोचा है। पंजाब पुलिस के पकड़े गए जवानों को थाना सदर ले जाया गया, जहां पर पंजाब पुलिस के ही डीएसपी यादविंदर सिंह और डीएसपी फतेह सिंह बराड़ की अगुवाई में आई टीम ने इनसे पूछताछ भी की और उनके पास से बरामद किए गए सामान तलाशी भी ली गई।
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार दोपहर को ट्रैफिक लाइट चौक पर बाद दोपहर उस वक्त माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया, जब हिमाचल और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में काले रंग की स्कार्पियो गाड़ी में बैठे कुछ लोगों को धर दबोचा गया। हालांकि पुलिस द्वारा पकड़े गए यह लोग पंजाब के फिरोजपुर जिला में पुलिस विभाग के ही नारकोटिक्स विंग के निलंबित सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और हवलदार बताए गए। इन सभी लोगों को हिरासत में लेने के बाद थाना सदर ले जाएगा, जहां पर काफी देर तक पंजाब पुलिस की कार्रवाई चलती रही। पंजाब के फिरोजपुर जिला के गुरूहरसहाय सब डिवीजन के डीएसपी यादवेंद्र सिंह ने बताया कि फिरोजपुर के नारकोटिक्स विंग के इंचार्ज परमिंदर सिंह बाजवा और उनके साथी इन पुलिस कर्मचारियों पर एक व्यक्ति के खिलाफ 1 किलो हेरोइन का झूठा केस बनाने, वहीं 5 लाख रुपये ड्रग मनी के रूप में केस में जोड़ देने का आरोप है। पूरा मामला पुलिस के उच्च अधिकारियों के सामने आने पर यह चारों आरोपी पंजाब से फरार हो गए। जिसके बाद पुलिस द्वारा इन्हें भगोड़ा करार दिया गया। बुधवार को पंजाब पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक इन आरोपियों की धरपकड़ के लिए जिला मुख्यालय पर फील्डिंग लगाई गई। वहीं बाद दोपहर यह सभी लोग काले रंग की स्कार्पियो गाड़ी में शहर के ही ट्रैफिक लाइट चौक पर धर दबोचे गए, जबकि इस मामले का एक आरोपी अभी भी फरार है। सभी आरोपियों को पंजाब पुलिस अपने साथ फिरोजपुर ले गई, जहां पर उनसे अगामी पूछताछ की जाएगी।

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