उभयलिंगियों को मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभ
उभयलिंगी समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ बुधवार को यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जिसके तहत उभयलिंगियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मिल सकेगा।
इस मौके पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे।
इस समझौते के बाद उभयलिंगी समुदाय को अब 1720 से अधिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं निशुल्क और नकदी-रहित उपलब्ध हो सकेंगी। इसमें विशेष रूप से उभयलिंगी समुदाय के लिए 50 सर्जरी भी शामिल हैं। आयुष्मान भारत योजना में सिर्फ चिह्नित मापदंडों वाले गरीब परिवारों को ही स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है लेकिन इस समझौते के बाद उभयलिंगी समुदाय को भी इन मापदंडों में शामिल किया गया है और स्वास्थ्य सुविधाएं पारिवारिक नहीं बल्कि उभयलिंगी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध होगी।
डॉ. कुमार ने इस मौके पर कहा कि आज हुए समझौते से वह बहुत प्रसन्न हैं। अनेक सुविधाओं से वंचित उभयलिंगी समुदाय के लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने इसी वर्ष फरवरी में स्माइल (एसएमआईएलई) योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए अनेक व्यवस्थाएं हैं। इस योजना में उभयलिंगी समुदाय के उत्थान, पुनर्वास और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विभिन्न व्यवस्था की गयी हैं। इसके अलावा उभयलिंगी समुदाय के लिए सभी मूलभूत सेवाओं के साथ देश भर में ‘गरिमा गृह’ स्थापित किये जा रहे हैं, हर प्रदेश में कम से कम एक गरिमा गृह स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन गृहों में उभयलिंगी समाज के व्यक्ति समान सहित रह सकते हैं। उनके कौशल विकास/आजीविका विकास के विभिन्न प्रशिक्षण भी दिये जाते हैं।
डाॅ. कुमार ने कहा कि उभयलिंगी समाज के लिए समग्र चिकित्सीय स्वास्थ्य पैकेज का भी प्रावधान किया गया है। इस पैकेज के तहत स्माइल योजना को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आयुष्मान भारत योजना के साथ जोड़कर उभयलिंगी समाज के लिए एक खास आयुष्मान भारत टीजी प्लस कार्ड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके तहत 50 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ निशुल्क दिया जाएगा। इसके माध्यम से उभयलिंगी समाज के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी का भी प्रावधान किया गया है। उभयलिंगी समाज का व्यक्ति आयुष्मान योजना से सम्बद्ध देश के किसी भी अस्पताल में इस कार्ड का लाभ ले सकेगा।
डॉ मंडाविया ने इस मौके पर कहा कि वह जब कभी उभयलिंगी समाज के लोगों की स्थिति देखकर उन्हें बहुत पीड़ा होती थी। इस समाज के लोगों को प्राय: अपमान का घूंट पीना पड़ता है, जो बहुत पीड़ादायक है। अपमान किसी को अच्छा नहीं लगता। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते से उभयलिंगी समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल बेहतर तरीके से हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से लाये गये ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के माध्यम से उभयलिंगी समुदाय के लोगों को उचित स्थान, योग्य सम्मान देने का बीड़ा उठाया गया
है। इस क्रम में यह समझौता उभयलिंगी समुदाय के लिए मील का पत्थर साबित होगा।