ईआरपी के कार्यान्वयन हेतु बैठक आयोजित,अविलंब लागू करने पर सहमति
मधेपुरा, आरएनएन।
बीएनएमयू के सभी अंगीभूत एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में उद्यम संसाधन योजना अर्थात् एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) का कार्यान्वयन किया जाएगा। इस निमित्त गुरुवार को कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. पी. रमण की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इसे सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया। बैठक में ईआरपी के क्रियान्वयन के लिए अपनाई जाने वाली प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रक्रियाओं तथा उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग आदि के संबंध में आवश्यक निर्णय हेतु कुलपति को अधिकृत किया गया।
बैठक में मुख्य रुप से ईआरपी को अविलम्ब एक निश्चित समय-सीमा के अंदर क्रियाशील करने का निर्णय लिया गया।
हर क्षेत्र में उपयोगी है ईआरपी
कुलपति ने बताया कि ईआरपी एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो वेब आधारित है। यह एक विश्वसनीय, पारदर्शी, प्रभावी और यूजर फ्रेंडली वेबसाइट है। आज हर क्षेत्र में
इसका उपयोग किया जा रहा है चाहे वह शैक्षणिक संस्थान हो या वित्तीय संस्थान या फिर विभिन्न सरकारी योजनाओं के पोर्टल। इससे
नैक मूल्यांकन में मदद मिलेगी। साथ ही सरकार द्वारा छात्रों के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं, शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की
नियुक्ति, प्रोन्नति एवं वेतन निर्धारण आदि कार्य आसानी से हो सकेगा। इसके अलावा छात्रों को नामांकन, शुल्क भुगतान, शिकायत निवारण आदि की सुविधा उपलब्ध कराने तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में आसानी होगी।
चौदह माड्यूल्स पर होगा काम
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत आने वाले विभिन्न
महाविद्यालयों की संरचना, संगठन एवं इसकी वर्तमान
कार्यप्रणाली के आधार पर मुख्य रुप से चौदह माड्यूल्स पर काम करना आवश्यक है। इसमें महाविद्यालय वेबसाइट, प्रशासनिक डाटा,
छात्रों एवं अभिभावकों से संबंधित सूचनि एवं सुविधा, नामांकन प्रक्रिया, विभिन्न शुल्कों का ऑनलाइन भुगतान, शैक्षणिक गतिविधियाँ, क्रीड़ा गतिविधि/परिवहन/छात्रावास मैनेजमेंट सिस्टम, पूर्ववर्ती छात्र संघ, स्टॉक मैनेजमेंट सिस्टम, पुस्तकालय ऑटोमेशन, शिकायत निवारण सिस्टम, प्लेसमेंट एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल है। ईआरपी के माध्यम से सभी उपलब्ध सुविधाओं का अपग्रेडेशन किया जाएगा और उपयोगकर्ता को इसका प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
ईआरपी एक बेहद सरल प्रक्रिया
कुलपति ने बताया कि ईआरपी एक बेहद सरल प्रक्रिया के द्वारा संचालित होती है। इसमें विभिन्न स्तर के यूजर्स को अलग-अलग प्रकार का संचालन अधिकार होता है। यूजर्स अपने विशिष्ट लॉगइन के माध्यम से अपनी अधिकारिता के अनुरुप सूचनाओं को प्रविष्ट, संशोधन एवं अपडेट कर सकते हैं। महाविद्यालय के वेबसाइट पर सूचनाओं को त्वरित गति से एवं स्पष्ट तरीके से दर्शाने में
यह सहायक है।
सूचनाओं के संग्रहण हो सकेगा
उन्होंने बताया कि ईआरपी से छात्रों, कर्मियों, शिक्षकों एवं पदाधिकारियों से संबंधित विभिन्न सूचनाओं के संग्रहण हो सकेगा। इसे उपरांत वांछित फॉर्मेट में रिपोर्ट प्रदान करना आसान होगा। यह महाविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं शाखाओं के मध्य सामंजस्य प्रदान करेगा और इससे विश्वविद्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों का ससमय अनुपालन हो सकेगा।
होगा डेटा का मैनेजमेंट
उन्होंने बताया कि इससे डेटा का समुचित मैनेजमेंट हो सकेगा और इसका डुप्लीकेशन रुकेगा और उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा।
यह महाविद्यालय को लघु एवं दीर्घकालिक लक्ष्यों के निर्धारण में सहायता प्रदान करेगा।
इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) पवन कुमार, कुलसचिव सह सदस्य-सचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर, सीनेटर डॉ. नरेश कुमार, टी. पी. कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव, पी. एस. कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार, आरजेएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव सिन्हा, बीएनएमभी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नवीन कुमार सिंह, आर. एम. कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरुण कुमार, निर्मली कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. उमाशंकर चौधरी, के. पी. कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान, मधेपुरा कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार, उपकुलसचिव (शै.) डॉ. सुधांशु शेखर सहित विभिन्न अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।