आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा बिलासपुर के मुक्त कारागार में करवाया आयोजन कैदियों ने किया ध्यान प्राणायाम और ओम नमः शिवाय का जाप

सुमन डोगरा
बिलासपुर
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा बिलासपुर के मुक्त कारागार में एक आयोजन विशेष रूप से कैदियों के लिए किया गया। यह जानकारी देते हुए आर्ट ऑफ लिविंग के जिला बिलासपुर मीडिया समन्व्यक अरूण डोगरा रीतू ने बताया कि आयोजन मेंं आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम बैंगलोर से आई साध्वी अमिता ने कैदियों को भी ध्यान प्राणायाम और श्रावण मास के उपलक्ष्य में ओम नमः शिवाय का जाप करवाया।
इस अवसर पर साध्वी अमिता ने कैदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में परिस्थिति वश बहुत सी घटनाएं जाने अनजाने में घट जाती हैं। गुरुदेव श्री श्री रविशंकर कहते हैं कि कोई भी जन्म से उन्हें गुनहगार नहीं होता। लेकिन अज्ञानता के कारण बेहोशी की हालत में होश खो बैठते हैं और बड़ी घटना घट जाती है। जिसका पछतावा बाद में होता है। इंसान अपराध भाव में आ जाता है। उन्हें भी मार्गदर्शक की आवश्यकता है। जेलों में रह रहे कैदियों की मनोदशा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए उन्हें भी तनाव मुक्त जीवन जीने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि जीवन की हर परिस्थिति में हमें खुश रहना चाहिए और यह हमेशा याद रखना चाहिए कि जीवन में धैर्य बहुत जरूरी है। प्राणायाम ध्यान के माध्यम से हर परिस्थिति से आसानी से बाहर निकला जा सकता है। साध्वी अमिता ने बाद में जेल परिसर में तुलसी का पौधा लगाया और कैदियों को भी पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ऑक्सीजन देने वाले और औषधीय पौधों को लगाने पर बल दिया। इस अवसर पर जेल प्रभारी भूपेंद्र के साथ बिलासपुर जिला टीचर कोऑर्डिनेटर रचना मेहता और संस्कार केंद्र टीचर शिल्पा मै​हता भी उपस्थित रहे।
बिलासपुर के लखनपुर मेे भी करवाई रूद्र पूजा
इससे पहले बिलासपुर के लखनपुर में रूद्र पूजा का आयोजन किया गया । इस अवसर पर साध्वी ने कहा कि श्रावण मास में भगवान विष्णु विश्राम करने जाते हैं और यह जिम्मेदारी शिव भगवान को दी जाती है और इसीलिए श्रावण मास में शिव भगवान मनुष्य की हर मनोकामना को पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय समुद्र मंथन हुआ था तो शिव भगवान ने विष का पान किया था और उससे उनके शरीर का तापमान बढ़ गया था उसे शांत रखने के लिए देवी देवताओं ने शिव पर जल का अभिषेक किया था। तब से यह रुद्राभिषेक होता आया है। इस अवसर पर सत्संग का भी आयोजन किया गया और डीटीसी रचना मेहता के अलावा अन्य शिक्षकों में नमन और कनिका भी उपस्थित रहे। आयोजल में प्रमुख रूप से ज्योति काठ, मीरा भोगल, यशपाल आनंद, मनोरमा, नीरज पालीवाल, अनिल मेहता और शिल्पा मेहता ने भी भागीदारी निभाई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button