आर्ट आफ लिविंग बिलासपुर ने किया सामूहिक रूद्र पूजा का आयोजन

सुमन डोगरा
बिलासपुर
आर्ट आफ लिविंग की ओर से बिलासपुर मेन मार्केट सेंटर में सामूहिक रूद्र पूजा का आयोजन हुआ। विश्व शांति और नेगेटिव ऊर्जा से छुटकारा पाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा सावन के महीने में यह रूद्र पूजा पूरे भारत वर्ष में जगह जगह पर करवाई जा रही है। बिलासपुर में आयोजित इस सामूहिक रूद्र पूजा में वैदिक धर्म संस्थान बेंगलुरु से साध्वी अमिता विशेष तौर पर पहुंची थी। साध्वी अमिता ने बताया कि हिमाचल के हर जिला में यह रूद्र पूजा की जा रही है। अनादि काल से भारत में हर सोमवार रूद्र पूजा करने का चलन है। रूद्र भगवान शिव के पराक्रमी रूप को दर्शाता है। पूजा का अर्थ है, जो पूर्णता से किया जाये। रूद्र पूजा करना या उसमें सशरीर उपस्थित होना हमारे भीतर आंतरिक शांति और पूर्णता लाने के लिए किया जाता है। वैदिक ग्रंथो द्वारा रूद्र पूजा को सबसे बड़ी पूजा बताया गया है। जिससे कुप्रभाव दूर होते हैं, मनोकामना पूर्ण होती है और सर्वांगीण समृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कई दोषों के निवारण के लिए रूद्र पूजा को एक उपाय बताया गया है। उन्होंने कहा कि जीवन में हर व्यक्ति चाहता है कि हर चीज उसे उसी क्षण मिल जाए अगर ना मिले तो व्याकुल हो जाता है। गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं कि हमें अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। समय आने पर सब कुछ मिल जाता है। जैसे कि बच्चा हा वस्तु पाना चाहता है लेकिन उसे भी मां समय-समय पर ही चीजें देती है इसलिए व्यक्ति को धैर्य नहीं खोना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे मन के अंदर जन्म जन्मांतर से विचारों की प्रत्येक जमी हुई है। उनको सिर्फ प्राणायाम ध्यान और सुदर्शन क्रिया से ही मिटाया जा सकता है। प्रदूषण कई तरह के हैं। जिनमें सबसे ऊपर है विचारों और भावनाओं का प्रदूषण। जो कि हजारों लोगों की नकारात्मकता है। हर इंसान अगर यह जिम्मेदारी ले कि मैं खुश रहूंगा तो और लोगों को भी खुश रखूंगा तो यह उसे सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी और उसके सारे काम होते जाएंगे। इस अवसर पर डीटीसी रचना मैहता, डीडीसी सदस्य मीरा भोगल, अनिल मैहता, शिल्पा मैहता सहित अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित रहे। यह जानकारी आर्ट आफ लिविंग के बिलासपुर जिला मीडिया समन्वयक अरूण डोगरा रीतू ने दी।

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