अक्षरधाम में मनाया गया प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी वंदना समारोह

“सच्चे मन से की पार्थना सफल होती है” प. पू. महंतस्वामी महाराज  

अक्षरधाम मंदिर में कल शाम को प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी वंदना कार्यक्रम मनाया गया। ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज की प्रत्यक्ष उपस्थिति में मनाए गए इस समारोह में देश के अनेक प्रान्तों से बड़ी संख्या में भक्त पधारे थे। उल्लेखनीय है कि उत्सव में शामिल होने के लिए अमेरिका, इंग्लंड तथा ऑस्ट्रेलिया से भी भाविक जन आए थे।

सभा का आरंभ शाम 5.30 बजे मंगलाचरण तथा भगवान के नामस्मरण से हुआ। अक्षरधाम के विद्वान संतों ने प्रमुखस्वामी महाराज के गुणों का स्मरण कर उन्हें अंजलि दी। आज के आधुनिक युग में पूरे विश्व में पारिवारिक समस्याओं के निराकरण के लिए प्रमुखस्वामीजी ने जो पुरुषार्थ किया था, वह दृश्य-श्राव्य के माध्यम से सभा में प्रस्तुत किया गया। सद्गुरु पूज्य विवेकसागर स्वामी ने बताया कि प्रमुखस्वामी महाराज के कार्य से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम अतिशय प्रभावित थे। कलाम साहब ने ‘ट्रान्सेंडेंस’ नामक पुस्तक में जो प्रमुखस्वामीजी की स्मृतियाँ लिखी थी उसको भी साझा किया गया।

उसके बाद बालयुवा वृंद ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। विभिन्न रंगों की रोशनियों के बीच मंच पर यह शताब्दी वंदना नृत्य समा बांध रहा था। अंत में महंतस्वामीजी महाराज ने आशीर्वाद में कहा, “सत्पुरुष संस्कृति के आधार स्तम्भ हैं। प्रमुखस्वामी महाराज ने अक्षरधाम जैसे अनेक आध्यात्मिक मंदिरों का निर्माण कर भारतीय संस्कृति की चेतना को विश्व सकल में पहुंचाया है। उनके दृढ़ संकल्प से अभूतपूर्व कार्य हुआ है। हम भी उनके चरणों में सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं।”

आशीर्वाद के पश्चात् भगवान को समूह आरती का अर्घ्य दिया गया। उपस्थित हजारों भक्तों ने अपने दीप प्रकट कर आरती उतारी। उस समय ऐसा लग रहा था मानों आसमान के सारे सितारे धरती पर उतार आए हों !

कल शाम से ही समग्र अक्षरधाम मंदिर दूधिया रोशनी से जगमगा रहा था। इस प्रमुखस्वामी शताब्दी वंदना समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया था।

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